ललित कला व शिल्प कला (फाइन आर्ट) के अभ्यर्थियों को माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में बतौर शिक्षक बहाली करने के लिए पात्रता परीक्षा छह महीने के भीतर होगी। सरकार इस बीच उनके लिए सिलेबस तैयार कर विज्ञापन के जरिये
परीक्षा की तिथि घोषित करेगी। इस संबंध में लिखित जानकारी राज्य सरकार ने पटना उच्च न्यायालय को गुरुवार को दी। न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी ने राज्य सरकार व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से कहा कि परीक्षा लेने की जिम्मेवारी उनकी है। पात्रता परीक्षा लेकर इनकी भी बहाली अन्य विषयों के शिक्षकों के साथ करें। न्यायमूर्ति ने यह कहते हुए बिहार राज्य फाइन आर्ट एसोसिएशन की याचिका निपटा दी। इसके पहले सरकार ने गत 17 फरवरी को हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा में फाइन आर्ट के अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किये जाने के बारे में कहा था कि ऐसा भूलवश हो गया था। राज्य सरकार ने 29 जून, 2006 को फाइन आर्ट को एच्छिक माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों की होगी बहाली, सरकार ने कोर्ट को दी जानकारीविषय के रूप में शामिल किया था और इसके लिए नियम 2008 में बनाया था। उसने वर्ष 2010 के माध्यमिक परीक्षा में इस विषय की भी परीक्षा ली थी लेकिन इस विषय में शिक्षक बहाल करने के लिए पात्रता परीक्षा नहीं ली गई थी। माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की बहाली में फाइन आर्ट के स्नातकों को शामिल किये जाने को लेकर बिहार राज्य फाइन आर्ट एसोसिएशन ने याचिका दाखिल की थी और उन्हें भी परीक्षा में शामिल करने की मांग की थी। उनके अधिवक्ता आशुतोष रंजन पांडे ने कहा कि सरकार ने अपने गत वर्ष 28 अगस्त के विज्ञापन में सभी तरह के शिक्षकों को बहाल करने की बात कही थी। जब फाइन आर्ट के अभ्यर्थी फार्म लेने गये तो उसमें डांस का कॉलम था, लेकिन फाइन आर्ट का कॉलम
नहीं था। शिक्षक संबंधी नियमावली में सभी विषयों के छात्रों को समान अवसर देने की बात कही गयी है। सरकार नियमावली के खिलाफ पात्रता परीक्षा ले रही है। न्यायालय राज्य सरकार से कहे कि वह
परीक्षा में फाइन आर्ट के अभ्यर्थियों को भी शामिल करे।
साभार : aakhirisach.com
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