Thursday, April 19, 2012

आखिर वसुधा केंद्र के साथ हीलाहवाली क्यूँ ?

20Aprl 2012 Report By: 
Kumar Ravi Ranjan, Vasudha Kendra
ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सेवाओं को उपलब्ध करने हेतु बिहार में ई-गोवारनेंस लागु कर पंचायतों में कामन सर्विस सेंटर की वसुधा केंद्र के रूप में स्थापना बिहार सरकार द्वारा की गयी है!  वादे तो (एस सी ए) बहुत किये गए, मानो जैसे सभी VLe  तुरंत अमेरिका के वारेन बफेट या फिर बिल गट्स जैसे कोई आमिर आदमी बनने वाले हों ! दरअसल ये वादे अगर अपने दम पे कोई कम्पनी करती तो शायद ही किसी आईटी शिक्षित बेरोजगार  नौजवानों को को इन बातों में विश्वास होता? लेकिन वसुधा केंद्र से सम्बंधित प्राप्त आय की चर्चा बढ़ा चढ़ा कर राज्य सरकार द्वारा कम्पनियों को मोहरा बना कर किया गया ! अच्छे खासे तादाद में बेरोजगारों ने इसमें अपनी रूचि तथा पूंजी लगा कर वसुधा केंद्र खोलने में दिखाई! पुरे पांच वर्ष बीत चुके लेकिन वसुधा केन्द्रों को किये गए वादों में से एक भी सरकारी सेवा मुयस्सर नहीं हुआ! अब इसे हम नियति की विडंबना या सरकार की तानाशाही निति की घोतक लालफितासह्बी की प्रक्रिया कहें !  जो अब तक वसुधा केन्द्रों को डेड स्थिति में रखा गया है ! आज हमारे राज्य में वसुधा के संचालको की स्थिति ऐसी है की , रोज सुबह अख़बार के एक - एक पन्ने को को बेसब्री से पढ़ते हैं की शायद वसुधा को जीवंत करने से सम्बंधित  कोई समाचार छपी हो ! लेकिन मिलता कुछ नहीं ! जिस प्रकार से नितीश कुमार जी ने संचालकों को धोखा  देने का काम किया वो शायद कोई फ्राड कम्पनी भी नहीं कर सकती थी ! मैं किसी और की नहीं बल्कि अपनी बात कर रहा हूँ की मै वो सख्स हूँ जो अपने कान से मुख्य मंत्री का भाषण सुन कर वसुधा केंद्र लिया है ! शायद हमारे सदर अब अपने वसुधा से सम्बन्धित किये गए वादों को भूल गए हैं ! या फिर किसी सलाहकार ने सलाह दिया हो की इस केंद्र से बिहार को कुछ नहीं हासिल होने वाला है ! वसुधा के विकास में एक बात तो तय है की सरकारी मुलाजिम बिलकुल नहीं चाहते की बिहार में वसुधा पनपे !इन्हें एक बात का डर है की अगर वसुधा केंद्र अपने स्वस्थ स्थिति में आ गया तो, इनकी हमेशा गर्म रहने वाली जेबें ठंडी पड़ जाएगी ! उपरी आमदनी की जरिया बिलकुल बंद हो जायेगा ! चुकी सरकार ने उन तमाम सेवाओं को वसुधा केन्द्रों के जिम्मे सुपुर्द करने का वादा किया है  जो किसी न किसी रूप से आजादी के बाद  से ही सरकारी बाबुओं द्वारा पीड़ित और संक्रमित रहा है ! और अकाट्य सत्य ये भी है की वसुधा केन्द्रों को सक्रिय करने में लालफीताशाही का बड़ा रोल है ! मैं मुख्य मंत्री के ढेरों जनता दरबार में अपनी अर्जी लेकर गया हूँ ! वसुधा से सम्बन्धित आवेदनों के प्रति मैंने कभी भी मुख्य मंत्री को गंभीर होते नहीं देखा ! जब की वसुधा केंद्र बिहार के वसुधा के लोगों के लिए लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में संजीवनी साबित हो सकता है ! इस केंद्र से उन गरीब तबके के लोगो को स्वत: उन सेवाओं का ऑनलाइन लाभ मिलना तय हो जायेगा, जिसके लिए वो अपना सारा काम धंधा छोड़ परेशान रहा करते थे ! अब जरुरत इस बात की है की वसुधा केंद्र के बारे में सुशासन की सरकार तुरंत ध्यान दे ! अन्यथा बिहार को विकसित राज्य बनाने का सपना चकनाचूर हो जायेगा ! 

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