
फिर से लौटेगा रोहतास किले का वैभव
निज संवाददाता, सासाराम http://www.jagran.com/bihar/rohtas-9068387.html
मुगलकाल में बंगाल-बिहार के शासन का केंद्र रहे रोहतास किले का पुराना वैभव लौटेगा। पर्यटन की दृष्टि से अब तक उपेक्षित किले के दिन अब बहुरेंगे। पर्यटन विभाग ने इसके विकास के लिए 51 करोड़ से अधिक का मास्टर प्लान तैयार किया है। रोप-वे का निर्माण किया जाएगा। पर्यटन विभाग से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में यह बात बतायी गयी हे।
तिलौथू के आरटीआई कार्यकर्ता कुमार रविरंजन ने रोहतासगढ़ किले को पर्यटन से जोड़ने के लिए विभाग द्वारा उठाये गए कदमों व उस पर होने वाली कार्रवाई की जानकारी मांगी थी।
जवाब में विभाग के सहायक लोक सूचना अधिकारी ने बताया कि रोहतास गढ़ किला के पास पर्यटकीय सुविधाओं के विकास हेतु 51.75 करोड़ का मास्टर प्लान तैयार है। किंतु भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एनओसी के अभाव में कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। अलावा रोहतासगढ़ किला तक रोप वे के निर्माण हेतु डीएम से मंतव्य मांगा गया है।
एनओसी का पेंच
सहायक अधीक्षण पुरातत्व पटना सर्किल के डा. नीरज कुमार सिन्हा कहते हैं कि रोहतास गढ़ किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित इमारत है। पर्यटन विभाग ने बिना एनओसी के यहां के लिए टेंडर निकाल दिया था। तब विभाग ने उन्हें एनओसी के लिए सजेशन दिया। परंतु एनओसी के लिए पर्यटन विभाग से अभी तक कुछ प्राप्त नहीं हुआ है।
कहते हैं डीएम
अनुपम कुमार कहते हैं कि रोहतास गढ़ किले तक रोप-वे निर्माण के लिए पर्यटन विभाग को मंतव्य भेज दिया गया है। मंतव्य में कहा गया है कि रोप वे के निर्माण से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा विकास की संभावनाएं बनेगी।
मध्यकालीन निर्माण, प्राचीन विरासत
जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर कैमूर पहाड़ी पर दो हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतास किला देश के सबसे प्राचीन किलों में है। मान्यता है कि अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशुंक के पौत्र व हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने इसे अपने अरण्य प्रवास के दौरान बनाया था। 1538 में यह शेरशाह के अधिकार में आ गया। अकबर के समय 1580-1600 तक मान सिंह ने बिहार-बंगाल की राजधानी बना किले को भव्यता प्रदान की। 1764 में इस पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया। 1857 में अमर सिंह ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का संचालन किया।
सीएम को दिखी थी पर्यटन की संभावना
रोहतास गढ़ किले का पर्यटन स्थल के रूप में विकास सरकार के एजेंडे पर है। गत दिसंबर में अपनी सेवा यात्रा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से यहां के दौरे को समय निकाला था। तब सीएम ने डेढ़ घंटे तक किला परिसर में रूक कर पर्यटन विकास की संभावनाओं पर अधिकारियों से बातचीत की थी। इसके पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने अपनी यात्रा में भी पर्यटन विकास के लिए किले तक रोप-वे के निर्माण की बात कही थी।
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