मुजफ्फरपुर, कासं : मनरेगा योजना की डाटा इंट्री का कार्य अब वसुधा
सेवा केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा। योजना के कार्यो में तेजी लाने के
साथ अधिक से अधिक कामगारों को रोजगार मुहैया कराया जा सके। डीएम आनंद
किशोर ने बुधवार को समाहरणालय कक्ष में डीडीसी योगेन्द्र राम, डीआरडीए
निदेशक भरत दूबे, कार्यक्रम पदाधिकारियों व वसुधा केंद्रों के
प्रतिनिधियों के साथ मनरेगा की समीक्षात्मक बैठक की।
डीएम श्री किशोर ने जिले में मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्यो की डाटा इंट्री पंचायत स्तर पर ही कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिले में पंचायत स्तर पर कुल 324 वसुधा सेवा केंद्र हैं। इसके माध्यम से इंट्री का कार्य कराए जाने से समय पर इसका कार्य हो सकेगा। साथ ही इससे केंद्र को आगे बढ़ने का भी मौका मिल सकेगा। इन्हें प्रशिक्षित करने के लिए आगामी 11 फरवरी को सभाकक्ष में कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उन्होंने केंद्र के प्रखंड समन्वयकों को अधिकतम पांच आईटी में तकनीकी जानकारी रखने वाले केंद्र संचालक को कार्यशाला में शामिल होने को कहा है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें स्तर से ग्राम पंचायतों में स्थित केंद्रों के संचालकों को प्रशिक्षित करने को कहा गया है।
जानकारी के मुताबिक, बीते तीन माह से डाटा इंट्री का कार्य पूरा नहीं होने के कारण जिले में द्वितीय किस्त की राशि अटकी पड़ी है। इससे उक्त अवधि से न तो मनरेगा के तहत कोई काम हो सका है और न ही मजदूरी का भुगतान। इस समस्या से निपटने के लिए ही जिला प्रशासन ने पंचायत स्तर पर डाटा इंट्री का कार्य कराए जाने की कवायद शुरू की है, ताकि समय पर इंट्री अपलोड हो सके
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डीएम श्री किशोर ने जिले में मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्यो की डाटा इंट्री पंचायत स्तर पर ही कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिले में पंचायत स्तर पर कुल 324 वसुधा सेवा केंद्र हैं। इसके माध्यम से इंट्री का कार्य कराए जाने से समय पर इसका कार्य हो सकेगा। साथ ही इससे केंद्र को आगे बढ़ने का भी मौका मिल सकेगा। इन्हें प्रशिक्षित करने के लिए आगामी 11 फरवरी को सभाकक्ष में कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उन्होंने केंद्र के प्रखंड समन्वयकों को अधिकतम पांच आईटी में तकनीकी जानकारी रखने वाले केंद्र संचालक को कार्यशाला में शामिल होने को कहा है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें स्तर से ग्राम पंचायतों में स्थित केंद्रों के संचालकों को प्रशिक्षित करने को कहा गया है।
जानकारी के मुताबिक, बीते तीन माह से डाटा इंट्री का कार्य पूरा नहीं होने के कारण जिले में द्वितीय किस्त की राशि अटकी पड़ी है। इससे उक्त अवधि से न तो मनरेगा के तहत कोई काम हो सका है और न ही मजदूरी का भुगतान। इस समस्या से निपटने के लिए ही जिला प्रशासन ने पंचायत स्तर पर डाटा इंट्री का कार्य कराए जाने की कवायद शुरू की है, ताकि समय पर इंट्री अपलोड हो सके
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