जेपी गोलंबर पर जुलूस नीकाल नारेबाजी करते
वसुधा केंद्र संचालक संघ के युवक।
बिगत चार वर्षो से भी एल ई के साथ जों हो रहा है यह सायद मानवता की सारी हदों को पर कर जाने वाला कस्ट है।मै जानना चाहता
हूँ की क्या हमने इसी लिए वसुधा केंद्र की अस्थापना किया था? बिगत कुछ वर्षो में हमलोगों ने हर एक छोटे अधिकारियो से
लेकर माननीय मुख्यमंत्री तक से अपनी फरियाद सुनाई पर भी एल ई की बात सुनने वाला कोई भी नहीं है. हमारे घर
में जब कोई समस्या आती है तो घर के मुखिया को हम अपनी समस्या बताते है. इसी तरह भी एल ई ने माननीय
मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी को भी समस्यायों से अवगत करवाया पर बार बार अस्वाशन के सिवा कुछ भी नहीं मिला. क्या
कारन है की पंचायत स्तरकी बाकि अन्य योजनाओ पर नितीश सरकारनजर है और वसुधा केन्द्रों परनहीं. वसुधा केंद्र बिहार में सुशाशन
लाएगी पर सुशाशन की सरकार ऐसा क्यों नहीं चाहती है? १४ अक्टूबर को जे पी गोलंबर पर किया गया धरना और अक्रोसित भी एल ई
का प्रदर्सन देखने के बाद यही लगता है.की भी एल ई अब और बर्दास्त नहीं कर पाएगा. यह धरना सांकेतिक धरना है. अगर भी एल ई के
मांगो को नहीं माना गया तो १४ नवम्बर को हजारो की संख्या में भी एल ई पटना पहुँच कर सरकार
से यही सवाल पूछेगी तब जा कर सायद सुसाशन सरकार की नींद खुल पाएगी

No comments:
Post a Comment