Saturday, April 21, 2012

कामन सर्विस सेंटर और हिंदी फिलम "शोले"


[  बिहार में वसुधा केंद्र की स्थिति पर एक व्यंग ]
शोले पिक्चर के सारांश पे नजर डालेंगे तो पाते हैं की , अपने बिहार के सुशासन के राज में वसुधा केंद्र और इसके संचालक की स्थिति ठीक शोले फिल्म के बीरू और जय की तरह है ! गब्बर और ठाकुर की पुरानी तथा पारम्परिक अदावत में बीरू और जय को ठाकुर द्वारा ढाल की तरह यूज किया जाता है ! और बिहार में कामन सर्विस सेंटर एवं संचालक ( VLe ) की स्थिति ठीक उसी बीरू और जय की तरह बोलें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ! क्यूँ की ठाकुर के रूप में मुख्य मंत्री श्री नितीश कुमार और डकैत  के रूप में गब्बर सिंह SCA (श्रेई सहज) के आपसी अदावत के बजाय, अपने सांठ-गांठ और फायदा के लिए वसुधा केंद्र को बीरू और संचालक VLe को  जय के रूप में बिहार का ठाकुर श्री नितीश कुमार द्वारा यूज किया जा रहा है ! "शोले" फिलम में ठाकुर के गब्बर से व्यक्तिगत दुश्मनी को लेकर बीरू और जय क्या नही करते , यंहा तक की जय और बीरू कई बार अपनी जान जोखिम में डालकर ठाकुर के अदावत के लिए बड़े से बड़े चुनौतियों का सामना करते  हैं !

तो क्या बिहार में कामन सर्विस सेंटर (बीरू) और संचालक (जय) छ: वर्षों से अपनी जान, माल, पूंजी, आमदनी और परिवार के जीवन स्तर को जोखिम में डाल कर, बिहार के ठाकुर और SCA (लुटेरा गब्बर ) को फायदा नहीं - पंहुचा रहे ? भाईओं ,मित्रों , मेरी बहनों आपने शोले फिलम की समापन के दृश्यों को आपने देखा होगा की ठाकुर और गब्बर के रंजिश के वास्ते किस प्रकार से "दो जिस्म और एक रूह", जैसे हर पल साथ - साथ रहने वाले दो जिगरी दोस्त (जय- बीरू) सदा के लिए एक दुसरे से बिछुड़ जातें हैं ! ठाकुर को दिए वादे को पूरा कर जय (अमिताभ बच्चन ) दम तोड़ देता है !

बिहार में भी  ठाकुर द्वारा कामन सर्विस सेंटर के प्रति बरती जा रही हीलाहवाली, उपेक्षा और लापरवाही से- क्या प्रतीत नहीं होता की, ठीक शोले के बीरू की तरह बिहार में वसुधा केंद्र जीवित रह जाय और "जय" (अमिताभ बच्चन ) की भांति "कामन सर्विस सेंटर" (CSC )  के संचालक VLe को बलिदान करना पड़े ? चुकी हाल ही में बिहार के मुजफ्फरपुर में एक VLe द्वारा आत्म हत्या की पहल शरू हो चुकी है !

बिहार के ठाकुर का अगर हम रिकॉर्ड देखतें हैं तो हम पाएंगे  की इन्होने बिहार में अपनी विकास की कृपा ढेरों बरसाई है जैसे -मैट्रिक पास वालों को भी कई प्रकार के  रोजगार उपलब्ध कराना, शिक्षकों के , दलितों, महिलाओं, सडकों, बिजली, चिकित्शालयों, विद्यालयों एवं अन्य चीजों  पे सराहनीये कृपा बरसाया गया! लेकिन वसुधा केंद्र के ऊपर कृपा तो दूर बिहार के ठाकुर द्वारा इस बिहार के बीरू (कामन सर्विस सेंटर ) की अवहेलना भी शुरू कर दी गयी !

बिहार के ठाकुर ने बड़े - बड़े  वादे किये थे  ! लगता है बिहार का ठाकुर अपने वादे को बिसार -ताक पे रख दिया है ! जय (VLe ) और बीरू (CSC ) किस हाल में गब्बर ((CSC )   के खिलाफ मोर्च ले रखे हैं, शायद ठाकुर को सुध ही नहीं! शोले के बीरू -जय , ठाकुर द्वारा प्रदत रसद पानी तथा गोली बंदूक के सहारे गब्बर के खिलाफ संघर्ष करते हैं ! लेकिन बिहार के  ये जय -बीरू अपनी रसद - पानी लगा बिहार के गब्बर के खिलाफ न हो उसके अधीन काम करने पर विवश हैं ! अगर इस गब्बर से बिहार के जय - बीरू कुछ मांगने का हिम्मत भी करते हैं तो बस, ये गब्बर धमकी देना शुरू कर देता है! और उधर बसंती के रूप में BELTRON भी अपने नखरे से बाज नहीं आता ! जिसके पीछे बीरू (वसुधा) अपनी सुध बुध खो कर उसके प्यार को पाने हेतु प्रयास करते रहता है !  और बिहार (रामगढ) में भी वसुधा केंद्र बीरू की भांति सरकारी काम पाने हेतु BELTRON  (बसंती) के पास अपने प्रयास को जरी रखा है ! शोले में बीरू को  बसंती का प्यार तो मिल जाता है! लेकिन अभी तक बिहार के शोले में बसंती (BELTRON ) द्वारा  बीरू (वसुधा) को सिर्फ इंकार किया जा रहा है! पता नहीं ये क्लाइमेक्स का तड़का कब चलेगा ? बिहार के बीरू को बसंती (BELTRON ) के पास कुछ ज्यादा ही मसक्कत करनी पड़ रही है शोले के बीरू के अपेक्षा प्यार (G2C सेवा) को पाने के लिए !

बिहार का गब्बर ( स्रेई सहज) शोले  के गब्बर से ज्यादा खूंखार और ताकतवर है ! ये घट- घट में  रमण और विचरण एक सिंह की भांति करता है !यंहा कुछ "शोले" से विपरीत स्टोरी चल रही  है, तभी तो बिहार का ठाकुर गलत फहमी से अपने बीरू (CSC ) और जय (VLe ) जैसे जांबाज स्वामी भक्तों को उपेक्षित कर दुश्मन गब्बर .............. सिंह (SCA) के हाथों में खेल रहा है! अगर इस फिलम में सूटिंग और क्लाइमेक्स का शिलशिला यूँ ही चलता रहा तो निश्चित तौर पे बन रहा  ये बिहार का "शोले" (NeGP ) फिलम एक दिन आवश्य बाक्स आफिस पे बुरी तरह फ्लाप होगा ! जिसमे डिस्ट्रीब्यूटर बोले तो (VLe ) को वसुधा केंद्र हेतु लगाये गए अपने पूंजी के साथ भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है ! जिसका जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ बिहार का ठाकुर होगा ! जरुरत है स्टोरी में अपने वादे के अनुकूल बदलाव लाने  का ! शायद बिहार के ठाकुर भूल बैठा है की शोले के मूल स्टोरी में बीरू - जय ,ठाकुर के साथ थे, जिससे फिलम को सुपर हिट होने का मौका मिला ? क्या अब जरुरत इस बात की नहीं, की बिहार में भी इस NeGP (शोले) फिलम को सुपर हिट  करने के लिए ठाकुर, बीरू और जय को एक साथ मिल कर बिहार के इस लुटेरे गब्बर, जो रमण करता है सिंह की तरह- से हिसाब लिया जाये ? 

ये किसी और की नहीं मेरी खुद की अभिव्यक्ति है! और मैं भारत के संविधान के अनुच्छेद १९ के तहत अपनी अभिव्यक्ति सभ्य तरीके व्यक्त करने हेतु स्वतंत्र हूँ !
कुमार रवि रंजन, NeGP , CSC, तिलौथु, रोहतास 

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