
बिहार।
सासाराम। मुगलकाल में बंगाल-बिहार के शासन का केंद्र रहा रोहतास किले का
पुराना वैभव पुनः लौटेगा। पर्यटन के दृष्टिकोण से अब तक उपेक्षित किले के दिन अब
बहुरेंगे। पर्यटन विभाग ने इसके विकास के लिए 51 करोड़ से अधिक का
मास्टर प्लान बना लिया है। इसके तहत रोप-वे का निर्माण किया जाएगा। पर्यटन विभाग
से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी में यह बात बतायी गयी हे।
प्राप्त
जानकारी के अनुसार तिलौथू के आरटीआई कार्यकर्ता कुमार रविरंजन ने रोहतासगढ़ किले
को पर्यटन से जोड़ने के लिए विभाग से उठाये गए कदमों व उस पर होने वाली कार्रवाई की
जानकारी मांगी थी। जवाब में विभाग के सहायक लोक सूचना अधिकारी ने बताया कि रोहतास
गढ़ किला के पास पर्यटकीय सुविधाओं के विकास हेतु 51.75 करोड़ का
मास्टर प्लान तैयार है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एनओसी के अभाव में कार्य
शुरू नहीं किया जा सका है। रोहतासगढ़ किला तक रोप वे के निर्माण के लिए डीएम से अनुशंसा
मांगी गयी है। सहायक अधीक्षक पुरातत्व पटना सर्किल के डॉ. नीरज कुमार सिन्हा का
कहना है कि रोहतास गढ़ किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से संरक्षित इमारत है।
पर्यटन विभाग ने बिना एनओसी के यहां के लिए निविदा निकाल दिया था। विभाग ने उन्हें
एनओसी के लिए परामर्श दिया। परंतु, एनओसी के लिए पर्यटन विभाग से अभी तक कुछ
प्राप्त नहीं हुआ है। रोहतास के डीएम अनुपम कुमार बताते हैं कि रोहतासगढ़ किले तक
रोप-वे निर्माण के लिए पर्यटन विभाग को मंतव्य भेज दिया गया है। मंतव्य में कहा
गया है कि रोप-वे के निर्माण से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा विकास की
संभावनाएं तेज होंगी।
इस
किले के बारे में बताया जाता है कि यह प्राचीन विरासत है। जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर कैमूर पहाड़ी पर दो हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतास किला देश
के सबसे प्राचीन किलों में है। मान्यतानुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशुंक
के पौत्र व हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने इसे अपने अरण्य प्रवास के दौरान
बनाया था। 1538 में यह शेरशाह के अधिकार में आ गया। अकबर के
समय 1580-1600 तक मान सिंह ने बिहार-बंगाल की राजधानी बना
किले को भव्यता प्रदान की। 1764 में इस पर अंग्रेजों का
अधिकार हो गया। 1857 के सिपाही विद्रोह में ने यहीं से
अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का संचालन किया था।
बिहार
के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ माह पूर्व किले की यात्रा की थी। इस दौरान
उन्हें दिखी थी यहां पर्यटन की संभावनाएं। रोहतासगढ़ किले का पर्यटन स्थल के रूप में
विकास सरकार के एजेंडे पर है। यहां सीएम
ने डेढ़ घंटे तक किला परिसर में रूक कर पर्यटन विकास की संभावनाओं पर अधिकारियों
से चर्चा की थी। इसके पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी अपनी यात्रा में पर्यटन विकास
के लिए किले तक रोप-वे के निर्माण की बात कही थी।CSC Problem in India
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