केंद्र में विभागवार अलग-अलग काउंटर बनाये जा रहे हैं. संबंधित काउंटर से लोगों को सारी जानकारी देने के साथ ही आवेदन प्राप्त किया जायेगा. आवेदन को संबंधित विभाग में भेजने के साथ ही काउंटर पर मौजूद कर्मी द्वारा आरटीएस के तहत कार्य के लिए निर्धारित समय के बाद आवेदकों को दोबारा आने की सूचना दी जायेगी. डीटीओ मुकेश कुमार ने बताया कि केंद्र के संचालन के बाद आम लोगों को काफी राहत मिलेगी. उन्हें किसी कार्य के लिए अफसरों और कर्मियों की खुशामद करनी नहीं पड़ेगी तथा समय पर कार्य का निष्पादन भी होगा.
पंचायतों के लिए कवायद
बिहारशरीफ जिले में पंचायत स्तर पर नागरिक सुविधा केंद्र बनाने की योजना पर कार्य चल रहा है, जहां से लोगों को उक्त सारी समस्याओं का समाधान किया जायेगा. लोगों के आवेदन को ऑन लाइन कर संबंधित अफसरों तक पहुंचाया जायेगा,जहां से सत्यापन के बाद कार्य को पूरी तरह पुन सुविधा केंद्र को नेट के माध्यम से लौटा दिया जायेगा.
केंद्र के कंप्यूटर से संबंधित कागजात का प्रिंट आउट निकाल कर आवेदक को दे दिया जायेगा. इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए वसुधा केंद्र की सहायता ली जा रही है. वर्तमान में 208 पंचायतों की सूची वसुधा केंद्र के संचालक द्वारा सौंपी गयी है, जहां नागरिक सुविधा केंद्र के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
वसुधा केंद्र द्वारा सौंपी गयी सूची की जांच के लिए संबंधित बीडीओ, थानाध्यक्ष एवं आइटी मैनेजर को जिम्मेवारी दी गयी है. वसुधा केंद्र में जरी संसाधन, नागरिकों को बैठने की सुविधा एवं केंद्र में तैनात कर्मी के चरित्र के संबंध में जांच करायी जा रही है. इ-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के नोडल पदाधिकारी रत्नेश कुमार झा ने बताया कि नालंदा सूबे में पहला जिला है,जहां इस परियोजना पर तेजी से कार्य चल रहा है. इसके लागू होने के बाद जिले के लोगों को काफी राहत मिलेगी. साथ ही भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगेगा. राइट टू सर्विस एक्ट के प्रावधानों का अनुपालन में भी ऑन लाइन कार्य संपादन से काफी सहूलियत होगी.
देखें प्रभात खबर की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
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