भ्रष्टाचारी बिहार से बाहर जायें या काल कोठरी के लिए हो तैयार : मुख्यमंत्री
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ते-लड़ते वे सत्ता से बाहर हो जाएं, तो भी उन्हें कोई गम नहीं है। उन्होंने भ्रष्टाचारियों को सीधी चेतावनी दी-बिहार से बाहर चले जायें। नहीं तो काल कोठरी (जेल) में भेज दिये जायेंगे। वे गुरुवार को विधानसभा उपभवन में आयोजित दो दिवसीय ई गवर्नेस लीडरशिप कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। उनके अनुसार यह जान लीजिए कि अगला चुनाव भ्रष्टाचार के मुद्दे पर होगा। आईटी की अनिवार्यता की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी ने कथनी और करनी के अंतर को समाप्त कर दिया है। आईटी का महत्व का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि कानून, आईटी और आचरण तीनों के मेल से बेहतर शासन स्थापित किया जा सकता है। टेक्नालाजी का फायदा भ्रष्टाचार मिटाने में भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह बर्दाश्त करने की बात नहीं है कि लोग अपनी जमीन का कागज लेने या फिर दाखिल- खारिज को जाते हैं, तो उनसे पैसा मांगा जाता है। वसुधा केंद्र के माध्यम से इस पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। सभी पंचायत सरकार भवन में वसुधा केंद्र स्थापित होगा। निर्धारित शुल्क जमाकर वहां से सुविधा ली जा सकेगी। जनता ने मन बना लिया है भ्रष्टाचार से लड़ने का। जो भ्रष्टाचार को दूर करने के काम में लगेगा, जनता का विश्वास उसी को मिलेगा। वैसे भी भ्रष्टाचार के मामले में उनकी सरकार की नीति जीरो टालरेंस की है। भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं। आने वाले समय में तो इसके लिए होड़ मचेगी। बदमिजाज लोग बिहार से बाहर जाने के लिए तैयार रहें या फिर काल कोठरी की तैयारी करें। लोगों को यह सोचना चाहिए कि इस तरह की नौबत ही नहीं आए। अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने सुशासन को आईटी से जोड़ा। उन्होंने कहा कि आईटी एक सुगम जरिया है जिसके माध्यम से एक बटन दबाते ही सारी सूचनाएं उपलब्ध है। आज वह जमाना है कि जो इससे परिचित नहीं है वह निरक्षर के समान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम टेक्नोलाजी का फायदा उठायें इसके लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को आईटी मद में मिली राशि को खर्च करने समय यह सोचना चाहिए कि पैसा सिर्फ इसलिए न खर्च करें कि उसे खर्च करना जरूरी है, बल्कि राशि उपयोगिता को ध्यान में रखकर खर्च होनी चाहिए। इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति ताराकांत झा, विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी व संसदीय कार्य मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने भी अपने विचार रखे।
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