बिहार में ई-गवर्नेंस से बदल रहे हालात
9 Dec 2010,इकनॉमिक टाइम्स http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/7070512.cms
नई दिल्ली : बिहार के नालन्दा जिले के गोलपुर के वीरचंद पासवान को नरेगा के तहत काम पाने में ब्लॉक/पंचायत कार्यालय से पहले संतोषजनक जवाब नहीं मिलता था। कई बार काम मांगने के लिए गए पासवान वहां से निराशा लेकर ही लौटते थे। संबंधित अधिकारी कई बार दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने तो कई बार काम का पिछला रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर उन्हें काम देने में असमर्थता जाहिर करते थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। ई-शक्ति कार्ड के जरिए पासवान जैसे हजारों लोगों को अब न सिर्फ तमाम कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिल गई है, बल्कि उन्हें समय पर काम मिलता है, आसानी से उनका पिछला रिकॉर्ड चेक कर लिया जाता है और महीने के अंत में उनकी मजदूरी बैंक खाते में पहुंच जाती है।
ई-गवर्नेंस की अवधारणा को बिहार में साकार करने में आईटी कंपनियों का बड़ा योगदान रहा है। सरकार के सूचना तकनीक (आईटी) विभाग की नोडल एजेंसी बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बीएसईडीसी) राज्य में तेजी से ई-गवर्नेंस कार्यक्रमों को लागू कर रही है। साल 2006 से सरकार द्वारा आईटी को लागू करने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। अब तक राज्य के 38 जिलों में 8,463 कॉमन सर्विसेज सेंटर (सीएससी) की स्थापना की जा चुकी है, जिनमें से 5,012 सेंटर में कामकाज शुरु हो चुका है। राज्य में नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान (एनईजीपी) की स्थापना का उद्देश्य आम आदमी को उसके इलाके में हर सरकारी सुविधा उपलब्ध कराना है।
9 Dec 2010,
नई दिल्ली : बिहार के नालन्दा जिले के गोलपुर के वीरचंद पासवान को नरेगा के तहत काम पाने में ब्लॉक/पंचायत कार्यालय से पहले संतोषजनक जवाब नहीं मिलता था। कई बार काम मांगने के लिए गए पासवान वहां से निराशा लेकर ही लौटते थे। संबंधित अधिकारी कई बार दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने तो कई बार काम का पिछला रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर उन्हें काम देने में असमर्थता जाहिर करते थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। ई-शक्ति कार्ड के जरिए पासवान जैसे हजारों लोगों को अब न सिर्फ तमाम कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिल गई है, बल्कि उन्हें समय पर काम मिलता है, आसानी से उनका पिछला रिकॉर्ड चेक कर लिया जाता है और महीने के अंत में उनकी मजदूरी बैंक खाते में पहुंच जाती है।
ई-गवर्नेंस की अवधारणा को बिहार में साकार करने में आईटी कंपनियों का बड़ा योगदान रहा है। सरकार के सूचना तकनीक (आईटी) विभाग की नोडल एजेंसी बिहार स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बीएसईडीसी) राज्य में तेजी से ई-गवर्नेंस कार्यक्रमों को लागू कर रही है। साल 2006 से सरकार द्वारा आईटी को लागू करने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। अब तक राज्य के 38 जिलों में 8,463 कॉमन सर्विसेज सेंटर (सीएससी) की स्थापना की जा चुकी है, जिनमें से 5,012 सेंटर में कामकाज शुरु हो चुका है। राज्य में नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान (एनईजीपी) की स्थापना का उद्देश्य आम आदमी को उसके इलाके में हर सरकारी सुविधा उपलब्ध कराना है।
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