रोहतास तथा भभुआ जिले के कैमूर पहाड़ी पे प्रचुर मात्रा में वन औषधियों की
भंडार है , जो पहाड़ पर बसे वनवासियों की एक तरह से जीविकोपार्जन का
मुख्य स्रोत भी है ! सेठ साहुकारो द्वारा काफी कम कीमत अदा कर वनवासियों
से इन जड़ी बुटिओं को खरीद लिया जाता है ! फिर इन्ही वन औषधियों को सेठ -
साहूकारों द्वारा काफी उच्च कीमतों पर अन्य राज्यों के व्यापारियों से
बेच दिया जाता है ! जिससे कीमती दवा बना कर कई असाध्य रोगों का इलाज
आयुर्वेदाचार्यों द्वारा किया जाता है ! इन बेसकिमती जड़ी - बूटियों में
मुख्यतः संजीवनी बूटी, अडूसा, देवदार, धिकुवार, गुरमार , कष्टकारी,
आंवला, हर्रे, सहिजन, गिलोय, मेथी, मोथा इत्यादि शामिल हैं - जिसे
वनवासियों को मज़बूरी तथा बाजार के आभाव में औने- पौने दामों पर सेठ -
साहूकारों तथा बिचौलिओं के हाथों बेचने हेतु विवश होना पड़ता है !
सरकार अगर विपणन की समुचित व्यवस्था कर दे तो इसमें दो राय नहीं की
वनवासियों को इनके द्वारा बेचे जाने वाले वन औषधियों का उचित मूल्य
मिलना शुरू हो जायेगा वहीँ दूसरी ओर वनवासियों की आर्थिक स्थिति को भी
काफी हद तक सुदृढ़ किया जा सकता है ! सरकार इस ओर ध्यान दे !
कुमार रवि रंजन
इन्द्रपुरी, रोहतास,
9934060241
भंडार है , जो पहाड़ पर बसे वनवासियों की एक तरह से जीविकोपार्जन का
मुख्य स्रोत भी है ! सेठ साहुकारो द्वारा काफी कम कीमत अदा कर वनवासियों
से इन जड़ी बुटिओं को खरीद लिया जाता है ! फिर इन्ही वन औषधियों को सेठ -
साहूकारों द्वारा काफी उच्च कीमतों पर अन्य राज्यों के व्यापारियों से
बेच दिया जाता है ! जिससे कीमती दवा बना कर कई असाध्य रोगों का इलाज
आयुर्वेदाचार्यों द्वारा किया जाता है ! इन बेसकिमती जड़ी - बूटियों में
मुख्यतः संजीवनी बूटी, अडूसा, देवदार, धिकुवार, गुरमार , कष्टकारी,
आंवला, हर्रे, सहिजन, गिलोय, मेथी, मोथा इत्यादि शामिल हैं - जिसे
वनवासियों को मज़बूरी तथा बाजार के आभाव में औने- पौने दामों पर सेठ -
साहूकारों तथा बिचौलिओं के हाथों बेचने हेतु विवश होना पड़ता है !
सरकार अगर विपणन की समुचित व्यवस्था कर दे तो इसमें दो राय नहीं की
वनवासियों को इनके द्वारा बेचे जाने वाले वन औषधियों का उचित मूल्य
मिलना शुरू हो जायेगा वहीँ दूसरी ओर वनवासियों की आर्थिक स्थिति को भी
काफी हद तक सुदृढ़ किया जा सकता है ! सरकार इस ओर ध्यान दे !
कुमार रवि रंजन
इन्द्रपुरी, रोहतास,
9934060241
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