Thursday, March 29, 2012

शेरशाह शुरी आज होते तो शायद बिफर पड़ते !

सहसराम के रहने वाले  हिंदुस्तान के एक महान शासक शेरशाह शुरी ने अल्प
समय में ही देश में सुशासन की नीव रख डाली थी ! इस शासक के फार्मूले को
ही अपना कर बादशाह अकबर ने हिंदुस्तान पर करीब चार दशको तक शासन  किया!
"ग्रांड ट्रक सड़क" का निर्माण शेरशाह सूरी की एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती
है ! लेकिन  कष्ट की बात ये है की,  इस महान शासक द्वारा बनाये गए सड़क
(अब एन० एच० २ ) से देश विदेश के शैलानी एवं पर्यटक  जब इनके ही मकबरा को
देखने सासाराम आते हैं तो, उन्हें बिच के रास्ते (भाया -  कादिरगंज,
भारती गंज  एवं लश्करी गंज ) के दोनो तरफ स्थानीय आबादी द्वारा विसर्जित
किये गए मल मूत्र के कारण गंभीर नारकीय स्थितिओं का सामना करना  होता  है
! मकबरा देखने आये शैलानी  बाद में मकबरे से ज्यादा  इस रास्ते को याद
करते  है, जिसके सहारे वो एन० एच० २  से सासाराम शेरशाह के मकबरा के
दर्शनार्थ  आये थे ! ये समस्या  सासाराम  के छवि को भी प्रभावित करता है
!
 जब की बिहार राज्य पर्यटन विभाग के सभापति का आवास मकबरे से चंद कदम
दुरी पे स्थित है !
तो कहना ये अतिशयोक्ति नहीं होगा की "काश" आज हमारे महान शासक जिन्दा
होते तो इस हालत को देख शायद वो बिफर पड़ते ?
मै बिहार राज्य पर्यटन विभाग तथा जिला प्रशासन से इस समस्या के निदान
करने हेतु  अपील करता हूँ ! ताकि "शुरी" के मकबरे के साथ - साथ उनके  यश
की रौनक बनी रहे !

कुमार रवि रंजन
इन्द्रपुरी, रोहतास

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