Sunday, April 29, 2012

आरटीपीएस : अब वसुधा केन्द्र से प्रमाण पत्र भी

                                                          Updated on: Sun, 29 Apr 2012 01:06 AM (IST)
पटना : लोक सेवाओं के अधिकार कानून (आरटीपीएस) के तहत सरकार नया प्रयोग कर रही है। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा से की जा रही है। आरटीपीएस वसुधा केन्द्र आवेदन लेगा और प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद वसुधा केन्द्र से ही उसे उपलब्ध करा दिया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत नालंदा में इसे प्रारंभ करने का निर्णय किया गया है। प्रयोग सफल रहने पर दूसरे जिलों में इसका विस्तार किया जाएगा।
सेवा के अधिकार कानून के तहत ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड सहित विभिन्न तरह के प्रमाण पत्र समय सीमा के भीतर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। पिछले साल अगस्त से इस कानून को बिहार में लागू किया गया। उसके कुछ ही समय के बाद आरटीपीएस के तहत आनलाइन आवेदन की सेवा आरंभ की गई। प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन दीपक कुमार ने नालंदा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि आम लोगों को बेहतर सुविधा पहुंचाने के मकसद ने निर्णय लिया गया है कि नालंदा जिले में पायलट बेसिस पर वसुधा केन्द्रों को सेवा प्रदाता के रूप में इस्तेमाल किया जाए।
पत्र में कहा गया है कि जिले में अवस्थित वसुधा केन्द्र आरटीपीएस के तहत विभिन्न नामित लोक सेवक यानी बीडीओ, सीओ की ओर से आवेदन प्राप्त कर सकेंगे। 'अधिकार साफ्टवेयर' में दी गई सुविधाओं का उपयोग करते हुए वे आवेदक को पावती पर्ची देंगे। यदि किसी सेवा के लिए कतिपय कागजात संलग्न करने की आवश्यकता हो तो उन कागजात की प्रतियां भी आवेदक से प्राप्त करेंगे। प्राप्त आवेदन-कागजात बीडीओ-सीओ कार्यालय को देंगे। लोक सेवाओं के तहत प्राप्त प्रमाण पत्र तैयार होने के बाद वे बीडीओ, सीओ कार्यालय से प्राप्त कर आवेदकों को उपलब्ध कराएंगे। इस काम के लिए वसुधा केन्द्र सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग द्वारा निर्धारित शुल्क आवेदक से प्राप्त कर सकेंगे। पत्र की प्रति सभी जिलाधिकारियों को भेजी गई है।

Saturday, April 28, 2012

सिंचाई बिना कैसे हो जोताई

सासाराम : जिले में पटवन की पारंपरिक योजनाएं दम तोड़ रही हैं। कहीं पानी नहीं तो कहीं फ्लाप साबित हुई योजनाओं के कारण जिले की प्रति वर्ष 85111 हेक्टेयर भूमि असिंचित रह जाती है। पांच वर्ष पहले जहां पारंपरिक स्रोतों से जिले में 272880 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती वहीं वर्तमान में 187769 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो पा रही है। प्रशासनिक उपेक्षा के चलते पानी के बिना हजारों हेक्टेयर भूमि बंजर हो रही है।
लघु सिंचाई प्रमंडल के सूत्रों की माने तो उद्वह सिंचाई योजना, आहर-पईन व मध्यम सिंचाई योजना के तहत हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती थी। जो सिंचाई के पारंपरिक साधन रहे हैं। उद्वह सिंचाई योजना के तहत जिले में 79 योजनाएं हैं। जिसमें 74 बंद हैं। शेष पांच में भी पानी की कमी से महज 18 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो पा रही है। मध्यम सिंचाई योजना के तहत भी सात योजनाएं संचालित हैं। जिसमें दो बंद पड़ी हैं। पांच योजनाओं में पानी नहीं मिलने से एक हेक्टेयर क्षेत्र भी सिंचित नहीं हो पाया है। तिलौथू प्रखंड के हुरका ग्राम पंचायत में छह नलकूपों में तीन बंद हैं। डेहरी नलकूप ट्रांसफार्मर जलने के कारण, लेवड़ा नलकूप बालू देने के कारण व दुधमी डिहरी नलकूप यांत्रिक व विद्युत दोष के कारण बंद है।
आरटीआई कार्यकर्ता कुमार रविरंजन सिंह की माने तो अन्य तीन नलकूपों की स्थिति और भी बदतर है। जिससे सिंचाई कार्य नहीं के बराबर है।
कहते हैं किसान : रोहतास प्रखंड के उचैला ग्राम निवासी किसान कमला कुशवाहा की माने तो उद्वह सिंचाई से ही खेत लहलहाते थे। आज बंद होने से खेतों में हरियाली दूर हो गई है।
नौहट्टा प्रखंड के दारानगर निवासी गजेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि ताल, पोखर, आहर-पईन समाप्त होने से खेतों में पटवन की समस्या उत्पन्न हो गई है।
कहते हैं अधिकारी :
लघु सिंचाई प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि जल स्त्रोतों के अतिक्रमित होने व जल स्तर तेजी से घटने के कारण मध्यम व उद्वह सिंचाई योजनाएं बंद हो रही है। इसे फिर से दुरुस्त करने के लिए गांव-गांव में जल संरक्षण नीति बनानी चाहिए।
जिला कृषि पदाधिकारी वेकेंटेश नारायण सिंह ने बताया कि तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जिला टास्क फोर्स की बैठक में प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया है।
क्या है उद्वह सिंचाई योजना : वर्षा जल व पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले जल को संग्रहित कर सिंचाई के प्रयोग में लगाया जाता है। इसके लिए बरसाती नदियों में बहने वाले पानी को बांध कर जल संग्रहण किया जाता है।
पांच वर्ष पूर्व सिंचाई हेक्टेयर में
संसाधन हेक्टेयर
तालाब + कुंआ 3879
नहर 2,26,749
विद्युत पंप + ट्यूवबेल 42252
कुल 272880
----------------------
वर्तमान में सिंचाई हेक्टेयर में
संसाधन हेक्टेयर
तालाब + कुंआ 4584
नहर 161000
विद्युत पंप + ट्यूवबेल 21700
लिफ्ट सिंचाई 485
कुल 187769

हम जागें, गांव जागे, बिहार जागे फिर देश..

संझौली/ इंद्रपुरी (रोहतास) : हम जागें, परिवार जागे, गांव जागे, बिहार जागे, फिर देश..। पढ़ेंगे-लिखेंगे नया इतिहास बनायेंगे। संकल्प है! पुन: बिहार को विश्व गुरु बनायेंगे.. जैसे नारों के साथ गुरुवार को दैनिक जागरण के तत्वावधान में बिहार दिवस उत्सव के मौके पर जिले के संझौली व इंद्रपुरी में आयोजित कार्यक्रमों में बड़ी तादात में लोग जुटे। संझौली में निकाली गयी रैली में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने शिरकत किया। जबकि इंद्रपुरी के हुरका में आयोजित विचार गोष्ठी में बिहार के विकास की चर्चा हुई।

इंद्रपुरी के मध्य विद्यालय हुरका में आयोजित बिहार उत्सव में जुटे लोगों को बिहार की महत्ता को रेखांकित किया। संचालक शिक्षक नसीम अख्तर की अगुवाई में हुरका, नीमियाडिह, अंबेदकर टोला के गली-गली में जाकर, गर्व से कहो, हम बिहारी हैं, अपना बिहार, बढ़ता बिहार, पूरे जहां में सबसे प्यारा अपना बिहार सबसे न्यारा जैसे नारों से अलख जगा दिया।
रैली में बबली कुमारी, रोशनी, परमाला, जूही, काजल, छात्राओं को लीड कर रही थी। छात्र वर्ग का नेतृत्व विकास, राकी, रवि कर रहे थे। ग्रामीण भी सारा काम छोड़ रैली में बच्चों के साथ हो लिए। जिसमें योगेंद्र कुमार, मंटू मिश्रा, अक्षय सिंह, बंटी कुमार, राजाराम सिंह, सुजीत कुमार, दामोदर सिंह, अजय सिंह, रामेश्वर सिंह, रंगजी, धनजी सहित कई थे। रैली के बाद विद्यालय में 'बिहार : अतीत वर्तमान तथा भविष्य की संभावनाएं' विषय पर एक परिचर्चा हुई।
मुख्य अतिथि आरएस कालेज तिलौथू के प्राचार्य डा. अशोक कुमार सिंह ने बिहार को और ऊंचाई पर ले जाने के लिए अभिभावकों का आह्वान किया। बीडीओ बीके शर्मा ने दैनिक जागरण की इस पहल को लाजवाब करार दिया। डीपीआरओ रामेश्वर पांडेय ने दैनिक जागरण द्वारा पहले बिहार उत्सव मनाने के लिए बधाई दी। कवि सह शिक्षक केबी शुक्ल 'बेसुध' ने इस अवसर के लिए खास तौर पर तैयार की गयी अपनी कविता 'नूतन बिहार' की प्रस्तुति की। उच्च विद्यालय के प्राचार्य कामेश्वर सिंह, आरएस कालेज के प्रो. डा. महेंद्र सिंह, डा. एपी सिंह ने भी बिहार की गौरवशाली अतीत की चर्चा की। म.वि. हुरका के प्रभारी केके उपाध्याय, मुरलीधर सिंह भी अपने विचार रखे।
हुरका पैक्स अध्यक्ष ब्रजेश सिंह की कार्यक्रम में महत्वपूर्ण सहयोग रहा। डाकपाल विदेश्वर सिंह, भोला सिंह, राणा प्रताप सिंह, कुमार रविरंजन, उमेश सिंह, डोमन सिंह, श्याम सुंदर, सर्वजीत राम सहित कई उपस्थित थे। स्वागत दैनिक जागरण के स्थानीय प्रतिनिधि शशि रंजन ने किया।

ईंट भट्ठों से बढ़ रहा प्रदूषण


कुमार रवि रंजन : हुरका   "प्रभात खबर"

इंद्रपुरी (रोहतास) : निमिया डीह क्षेत्र में करीब 20 ईंट भट्ठा संचालित हैं. इन ईंट भट्ठों से निकल रहे कार्बन से पर्यावरण को खतरा उत्पन्न हो गया है.
वहीं, लोगों के स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है. गोड़ैला, नावाडीह, पांडेयपुर, लेवड़ा दुबौली, महेशडीह, कोईडीह, रमडिहरा, हुरका, दुधमी डिहरी व विश्रामपुर के लोगों की मानें तो भट्ठों में जलने वाले कोयले से आसपास के तापमान में भारी वृद्धि हुई है.
रात में सोने के समय भट्ठों से आ रही गरम हवाओं से तापमान काफी बढ़ जाता है. महेशडीह निवासी राम आश्रय रजवार, कोईडीह निवासी नारद रजवार, पूर्व सरपंच मोहन राम व राजा राम सिंह का कहना है कि यह सरकार की कौन सी नीति है कि देखते ही देखते तीन किलोमीटर के दायरे में अनगिनत ईंट भट्ठों को चलाने की स्वीकृति मिल गयी.
हुरका पैक्स अध्यक्ष की मानें तो ईंट भट्ठों से काफी मात्रा में धूल व राख उड़ते हैं, जो किसानों के खेतों में जाते हैं. इसका प्रतिकूल प्रभाव फसल व जमीन की उर्वरा शक्ति पर पड़ रहा है. इस समस्या से निजात पाने लोगों ने सरकार से गुहार लगाने जाने का मूड बनाया है, ताकि फसलों व वातावरण का नुकसान न हो.

"प्रभात खबर"


Monday, April 23, 2012

शेरशाह सूरी का सासाराम हाशिए पर

सासाराम को अधिकांश लोग लोग बाबू जगजीवन राम के चुनाव क्षेत्र की तरह जानते हैं.
इतिहास के पन्ने अब धुंधले हो गए हैं और अब कम ही लोगों को सासाराम शेरशाह सूरी के शहर की तरह याद है.सासाराम शेरशाह सूरी के लिए इतना अपना शहर था कि उसने अपने जीते जी यहाँ अपना मक़बरा बनवाना शुरु कर दिया था.यह मक़बरा निर्माण कार्यों के प्रति उसके अनुराग का भी उदाहरण है. ठीक उसी तरह जिस तरह से ग्रैंड ट्रंक रोड है. ग्रैंड ट्रंक रोड यानी जीटी रोड शेरशाह सूरी के छह साल के शासन काल का ऐसा योगदान है जिसे इतिहास के पन्नों से कभी मिटाया नहीं जा सकता.इतिहासकार कहते हैं कि सड़क तो पहले भी थी लेकिन शेरशाह सूरी ने उसका पुनर्निर्माण करवाया और इसे यात्रा और व्यापार के योग्य बना दिया.
शेरशाह सूरी और ग्रैंड ट्रंक रोड पर अध्ययन करने वाले डॉ श्यामसुंदर तिवारी कहते हैं कि शेरशाह सूरी ने ग्रैंड ट्रंक रोड पर सत्रह सौ सरायों का निर्माण करवाया.वे कहते हैं, “कर्मचारियों से युक्त इन सरायों की वजह से व्यापारियों को लूटने आदि की घटना कम होने लगी जिससे व्यापार बहुत बढ़ा.”दरकिनार सासाराम
नई सड़क तो ठीक है लेकिन पुरानी ग्रैंड ट्रंक रोड की ओर किसी का ध्यान नहीं है, अब तो वहाँ चलने तक की जगह नहीं है
मोहम्मद इम्तियाज़ अहमद
लेकिन अब स्वर्णिम चतुर्भुज के राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक दो ने शेरशाह सूरी के सासाराम को मानो किनारे कर दिया है.
कुछ बरस पहले तक सासाराम कोलकाता से बनारस तक की यात्रा के लिए एक अच्छा ख़ासा पड़ाव था. अब वाहन वहाँ पहुँचते ही नहीं.
लेकिन इस परिवर्तन से व्यापारी ख़ुश हैं. सब्ज़ी का व्यवसाय करने वाले मोहम्मद सलीम कहते हैं, “नई सड़क से सभी को फ़ायदा है. लोगों का समय बच रहा है और वे जाम में नहीं फँस रहे हैं.”
हालांकि मोहम्मद सलीम की हाँ में हाँ मिला रहे उनके भतीजे मोहम्मद इम्तियाज़ अहमद इस बात से नाराज़ भी हैं कि शहर के भीतर की वो सड़क जो ग्रैंड ट्रंक रोड थी उसका किसी को ख़याल नहीं.
वे कहते हैं, “नई सड़क तो ठीक है लेकिन पुरानी ग्रैंड ट्रंक रोड की ओर किसी का ध्यान नहीं है, अब तो वहाँ चलने तक की जगह नहीं है.”
वैसे नाख़ुश तो सासाराम से निकलकर राष्ट्रीय राजमार्ग से मिलने वाले मोड़ पर चाय-बिस्किट की दुकान चलाने वाला भी नहीं है. वह बताता रहा कि कैसे इस नई सड़क ने उसके व्यवसाय को आधा कर दिया है. लेकिन वह माइक देखकर चुप हो जाता है.
उसका कहना है कि उसकी तरह बहुत से व्यावसायी दुखी हैं.

उम्मीद

धीरे-धीरे सारे प्रतिष्ठान वहाँ चले जाएँगे फिर धीरे-धीरे वह सड़क भी ग्रैंड ट्रंक की तरह प्रतिष्ठित हो जाएगी
डॉ श्याम सुंदर तिवारी
सासाराम के लिए अब ग्रैंड ट्रंक रोड की जगह अब ग्रैंड ट्रंक रोड बाइपास है. लेकिन डॉ श्याम सुंदर तिवारी मानते हैं कि यह कोई बड़ा परिवर्तन नहीं है और धीरे-धीरे सब बाइपास के नज़दीक चला जाएगा.
वे कहते हैं, “धीरे-धीरे शहर के होटल और दूसरे जो व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं वो बाइपास सड़क की ओर जा रहे हैं.”
वे मानते हैं कि ग्रैंड ट्रंक का मार्ग पहले भी बदलता रहा है. उनका कहना है कि धीरे-धीरे नई सड़क भी पुरानी ग्रैंड ट्रंक रोड की तरह हो जाएगी.
वे कहते हैं, “धीरे-धीरे सारे प्रतिष्ठान वहाँ चले जाएँगे फिर धीरे-धीरे वह सड़क भी ग्रैंड ट्रंक की तरह प्रतिष्ठित हो जाएगी.”
हालांकि ग्रैंड ट्रंक रोड या शेरशाह सूरी की प्रतिष्ठा इस बात से कम नहीं होगी कि नई सड़क कहाँ से गुज़रती है.
लेकिन सासाराम को ग्रैंड ट्रंक रोड से स्वर्णिम चतुर्भुज या गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल तक आने के लिए लंबा समय लगेगा. 
साभार: BBC

संचालको का हलचल तस्वीरों में

कृष्ण कुमार (VLe) द्वारा की गई आत्महत्या

प्रेस विज्ञप्ति

अध्यक्ष

 इन्द्रजीत कुमार सुधाकर

Sunday, April 22, 2012

मिडिया क्यूँ कर रहा नजरंदाज वसुधा केंद्र को

सुशासन की चकाचौंध ने शायद मिडिया को अपने चमकते हुए फ्लस से फुर्सत ही नहीं दे रहा की इनकी कैमरा का फ्लस कभी वसुधा केंद्र के समस्याओं पे चमके ! आखिर दिन भर सुशासन की जो इन्हें खबर लिखनी या चलानी पड़ती है !और आज के दुनिया में गरीब एवं लाचार लोगों की मीडिया कैसे संज्ञान ले सकती है, जिससे इनके लाभ पे विपरीत असर पड़ जाये ! ये हकीकत है की अख़बारों की अच्छी खासी आमदनी राज्य सरकार के विज्ञापनों से प्राप्त होती है और, ये भी एक हकीकत का हिस्सा है की वसुधा केंद्र की दशा गर्त जैसी करने में वर्तमान राज्य सरकार की एक बड़ी भूमिका रही है ! सरकारी विज्ञापन बेशक मीडिया को सरकार के प्रति चाटुकार बनाने पे विवश करता है ! अगर मीडिया थोड़ी हिम्मत कर के वसुधा केंद्र के समस्यायों को उजागर करता भी है, तो निश्चिततौर पर सरकारी हाथ इनका पीछा करना चालू कर देगा! ये बात खास कर तब जोर से चर्चा में रहा जब प्रेस परिषद् के अध्यक्ष श्री मार्कंडेय काटजू ने तल्ख़ तेवर में सीधे तौर पे सुशासन की सरकार पे  यह कहते हुए हमला बोला था की " बिहार में मीडिया स्वतंत्र नहीं है"! इनके इस बात से मानो जैसे सरकार के होश उड़ गए ! सरकार ने कहा की श्री काटजू  झूठ बोल रहे हैं ! फिर श्री काटजू ने फैक्ट फिन्डिंग  कमिटी बना डाला जाँच हेतु ! फिर क्या - देखते ही देखते करीब 200 पत्रकारों ने अपनी लिखित और मौखिक शिकायत कर सरकार और मीडिया की पसीना छुड़ा दिया ! इन पत्रकारों ने अपने ज्यादातर शिकायतों में कहा और लिखा है की "मीडिया द्वारा उन्हें इसलिए कोपभाजन का शिकार बनाया गया - क्यूँ की वो सरकार के कथनी और करनी के फासले को अपनी लेखनी से उजागर कर रहे थे! जो मीडिया को वर्दास्त नहीं था"!
ये बातें हमें पूरी तरह आश्वस्त करती है की सरकारी दबाव ही वो मूल कारन है जो, मीडिया को विवश करता है सरकार के विरुद्ध न जाने के लिए ! और ये बात सबको मालूम है की वर्तमान सरकार द्वारा ही इस योजना को चालू कर बैक -फुट पे रखा गया ! और देखते ही देखते 6000 संचालकों के परिवार की जीविका दैनिये दशा में जा पहुंची ! क्या 6000 परिवारों की आजीविका की समस्या मीडिया के लिए समाचार नहीं है ? क्या वसुधा केंद्र के  संचालक  सरकारी  वादों  पे  भरोसा  कर के  धोखा  नहीं खाए हैं ? क्या  मीडिया  नहीं जानता की  इसका जिम्मेवार अपने सुशासन बाबु हैं ? क्यूँ की इन्ही के गोल- मटोल वादों पे ऐतबार कर के वसुधा केंद्र संचालकों ने अपना बेसकिमती समय और पूंजी लगाया , जिसका न तो कोई वर्तमान है और ना ही भविष्य ! मीडिया के इस रवैये से हम सब संचालकों को यही लगता है की शायद हम सब किसी और देश या राज्य के शरणार्थी हैं और वसुधा केंद्र ले रखे हैं, जिसे शायद सरकार और मीडिया हजम नहीं कर पा रही !  
Kumar Ravi Ranjan, Rohtas, Bihar
9934060241

Saturday, April 21, 2012

कामन सर्विस सेंटर और हिंदी फिलम "शोले"


[  बिहार में वसुधा केंद्र की स्थिति पर एक व्यंग ]
शोले पिक्चर के सारांश पे नजर डालेंगे तो पाते हैं की , अपने बिहार के सुशासन के राज में वसुधा केंद्र और इसके संचालक की स्थिति ठीक शोले फिल्म के बीरू और जय की तरह है ! गब्बर और ठाकुर की पुरानी तथा पारम्परिक अदावत में बीरू और जय को ठाकुर द्वारा ढाल की तरह यूज किया जाता है ! और बिहार में कामन सर्विस सेंटर एवं संचालक ( VLe ) की स्थिति ठीक उसी बीरू और जय की तरह बोलें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ! क्यूँ की ठाकुर के रूप में मुख्य मंत्री श्री नितीश कुमार और डकैत  के रूप में गब्बर सिंह SCA (श्रेई सहज) के आपसी अदावत के बजाय, अपने सांठ-गांठ और फायदा के लिए वसुधा केंद्र को बीरू और संचालक VLe को  जय के रूप में बिहार का ठाकुर श्री नितीश कुमार द्वारा यूज किया जा रहा है ! "शोले" फिलम में ठाकुर के गब्बर से व्यक्तिगत दुश्मनी को लेकर बीरू और जय क्या नही करते , यंहा तक की जय और बीरू कई बार अपनी जान जोखिम में डालकर ठाकुर के अदावत के लिए बड़े से बड़े चुनौतियों का सामना करते  हैं !

तो क्या बिहार में कामन सर्विस सेंटर (बीरू) और संचालक (जय) छ: वर्षों से अपनी जान, माल, पूंजी, आमदनी और परिवार के जीवन स्तर को जोखिम में डाल कर, बिहार के ठाकुर और SCA (लुटेरा गब्बर ) को फायदा नहीं - पंहुचा रहे ? भाईओं ,मित्रों , मेरी बहनों आपने शोले फिलम की समापन के दृश्यों को आपने देखा होगा की ठाकुर और गब्बर के रंजिश के वास्ते किस प्रकार से "दो जिस्म और एक रूह", जैसे हर पल साथ - साथ रहने वाले दो जिगरी दोस्त (जय- बीरू) सदा के लिए एक दुसरे से बिछुड़ जातें हैं ! ठाकुर को दिए वादे को पूरा कर जय (अमिताभ बच्चन ) दम तोड़ देता है !

बिहार में भी  ठाकुर द्वारा कामन सर्विस सेंटर के प्रति बरती जा रही हीलाहवाली, उपेक्षा और लापरवाही से- क्या प्रतीत नहीं होता की, ठीक शोले के बीरू की तरह बिहार में वसुधा केंद्र जीवित रह जाय और "जय" (अमिताभ बच्चन ) की भांति "कामन सर्विस सेंटर" (CSC )  के संचालक VLe को बलिदान करना पड़े ? चुकी हाल ही में बिहार के मुजफ्फरपुर में एक VLe द्वारा आत्म हत्या की पहल शरू हो चुकी है !

बिहार के ठाकुर का अगर हम रिकॉर्ड देखतें हैं तो हम पाएंगे  की इन्होने बिहार में अपनी विकास की कृपा ढेरों बरसाई है जैसे -मैट्रिक पास वालों को भी कई प्रकार के  रोजगार उपलब्ध कराना, शिक्षकों के , दलितों, महिलाओं, सडकों, बिजली, चिकित्शालयों, विद्यालयों एवं अन्य चीजों  पे सराहनीये कृपा बरसाया गया! लेकिन वसुधा केंद्र के ऊपर कृपा तो दूर बिहार के ठाकुर द्वारा इस बिहार के बीरू (कामन सर्विस सेंटर ) की अवहेलना भी शुरू कर दी गयी !

बिहार के ठाकुर ने बड़े - बड़े  वादे किये थे  ! लगता है बिहार का ठाकुर अपने वादे को बिसार -ताक पे रख दिया है ! जय (VLe ) और बीरू (CSC ) किस हाल में गब्बर ((CSC )   के खिलाफ मोर्च ले रखे हैं, शायद ठाकुर को सुध ही नहीं! शोले के बीरू -जय , ठाकुर द्वारा प्रदत रसद पानी तथा गोली बंदूक के सहारे गब्बर के खिलाफ संघर्ष करते हैं ! लेकिन बिहार के  ये जय -बीरू अपनी रसद - पानी लगा बिहार के गब्बर के खिलाफ न हो उसके अधीन काम करने पर विवश हैं ! अगर इस गब्बर से बिहार के जय - बीरू कुछ मांगने का हिम्मत भी करते हैं तो बस, ये गब्बर धमकी देना शुरू कर देता है! और उधर बसंती के रूप में BELTRON भी अपने नखरे से बाज नहीं आता ! जिसके पीछे बीरू (वसुधा) अपनी सुध बुध खो कर उसके प्यार को पाने हेतु प्रयास करते रहता है !  और बिहार (रामगढ) में भी वसुधा केंद्र बीरू की भांति सरकारी काम पाने हेतु BELTRON  (बसंती) के पास अपने प्रयास को जरी रखा है ! शोले में बीरू को  बसंती का प्यार तो मिल जाता है! लेकिन अभी तक बिहार के शोले में बसंती (BELTRON ) द्वारा  बीरू (वसुधा) को सिर्फ इंकार किया जा रहा है! पता नहीं ये क्लाइमेक्स का तड़का कब चलेगा ? बिहार के बीरू को बसंती (BELTRON ) के पास कुछ ज्यादा ही मसक्कत करनी पड़ रही है शोले के बीरू के अपेक्षा प्यार (G2C सेवा) को पाने के लिए !

बिहार का गब्बर ( स्रेई सहज) शोले  के गब्बर से ज्यादा खूंखार और ताकतवर है ! ये घट- घट में  रमण और विचरण एक सिंह की भांति करता है !यंहा कुछ "शोले" से विपरीत स्टोरी चल रही  है, तभी तो बिहार का ठाकुर गलत फहमी से अपने बीरू (CSC ) और जय (VLe ) जैसे जांबाज स्वामी भक्तों को उपेक्षित कर दुश्मन गब्बर .............. सिंह (SCA) के हाथों में खेल रहा है! अगर इस फिलम में सूटिंग और क्लाइमेक्स का शिलशिला यूँ ही चलता रहा तो निश्चित तौर पे बन रहा  ये बिहार का "शोले" (NeGP ) फिलम एक दिन आवश्य बाक्स आफिस पे बुरी तरह फ्लाप होगा ! जिसमे डिस्ट्रीब्यूटर बोले तो (VLe ) को वसुधा केंद्र हेतु लगाये गए अपने पूंजी के साथ भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है ! जिसका जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ बिहार का ठाकुर होगा ! जरुरत है स्टोरी में अपने वादे के अनुकूल बदलाव लाने  का ! शायद बिहार के ठाकुर भूल बैठा है की शोले के मूल स्टोरी में बीरू - जय ,ठाकुर के साथ थे, जिससे फिलम को सुपर हिट होने का मौका मिला ? क्या अब जरुरत इस बात की नहीं, की बिहार में भी इस NeGP (शोले) फिलम को सुपर हिट  करने के लिए ठाकुर, बीरू और जय को एक साथ मिल कर बिहार के इस लुटेरे गब्बर, जो रमण करता है सिंह की तरह- से हिसाब लिया जाये ? 

ये किसी और की नहीं मेरी खुद की अभिव्यक्ति है! और मैं भारत के संविधान के अनुच्छेद १९ के तहत अपनी अभिव्यक्ति सभ्य तरीके व्यक्त करने हेतु स्वतंत्र हूँ !
कुमार रवि रंजन, NeGP , CSC, तिलौथु, रोहतास 

सहज का सफ़ेद झूठ

The changing Face of Bihar

The challenge of development in Bihar is enormous due to persistent poverty, complex social stratification, unsatisfactory infrastructure, and in many situations, weak governance. These problems are well known but not well understood. The people of Bihar - civil society, businessmen, government officials, farmers, and politicians - also struggle against an image problem that is deeply damaging to Bihar's growth prospects. An effort is needed to change this perception, and to search for real solutions and strategies to meet Bihar's development challenge.
Bihar Face
The main message of this report from our VLE Dinesh Pandey from Rohtas district is one of hope. There are many success stories not well known outside Bihar that demonstrate its strong potential, and could in fact provide lessons for other regions. A boost to economic growth, improved social indicators, and poverty reduction will require a multi-dimensional development strategy that builds on Bihar's successes and draws on the underlying resilience and strengths of its people. Precisely, that is what SAHAJ Vasudha Kendra is doing in Bihar. As Dinesh says, people in terrorism affected Rohtas district are now returning back to normalcy with the help of SAHAJ. SAHAJ is bringing in e-Governance at their doorsteps, sensitizing their women about RCH, educating the villagers in computer education, which in turn is making the young age band techno-savvy and equipped with technical expertise so that they could face the challenges in the real world. In terror struck Tiothu, Rohatas, and Chenari the Sahaj CSCs are operating in collaboration with the local Panchayat to make health, education, and railway reservation related services available in their locality and thereby infiltrating their life with comfort and happiness. Dinesh informs in Rohtas 6,92,562 men are jobless, and the number almost doubles when it comes to women (10, 09, 740). Many young entrepreneurs like Dinesh through their SAHAJ Vasudha Kendra are aspiring to change the fate of their fellow people suffering from feeble agricultural growth and abysmal poverty. All they want to show is Bihar is changing and can be changed.
Dinesh Pandey, VLE
District Rohtas, Panchayat- Akouti, Akouti Gola

नितीश जी वसुधा मामलों में आपके "लेकिन" शब्द का क्या मतलब ?

ई-गवर्नेस पर बुनियादी ढ़ाचा विकसित नहीं- नीतीश


MP POST:-17-02-2011
पटना।सूचना तकनीक के भरपूर इस्तेमाल के लिए बिहार में पूर्ण रूप से विकसित बुनियादी ढ़ंाचा का अभाव बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को कहा कि सरकार द्वारा इसका लगातार विकास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने ई-गवर्नेस पर नेतृत्व सम्मेलन विषयक कार्यशाला में कहा, कि बिहार सूचना तकनीक के विकास का पूरी तरह फायदा नहीं उठा पाया है और राज्य में इसके लिए बुनियादी ढ़ाचे के विकास की प्रक्रिया चल रही है, जिसके लिए संसाधनों का बड़े स्तर पर कंप्यूटीकरण करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के 8463 ग्राम पंचायतों में कामन सर्विस सेंटर स्थापित करने का काम चल रहा है, लेकिन अधिक से अधिक सुविधाएं लोगों तक पहुंचाने के लिए पंचायत भवन में ही इसे शुरू करने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।
नीतिश ने कहा कि ई-गवर्नेस के लिए केंद्र द्वारा बहुत पैसा दिया जाता है, लेकिन केवल कंप्यूटरीकरण पर जोर देने सच् अच्छा शासन नहीं आएगा। इसे सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक जोर सुशासन पर देना होगा। इसका इस प्रकार विकास करना होगा कि उपयोगिता बढ़े।
उन्होंने कहा कि बिहार में अभी लोग ई सेवा केंद्रों श्वसुधाश् पर आवेदन करते हैं लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पाता क्योंकि अभी कई कड़िया गायब है। कानूनी और व्यवहार संबंधी कठिनाइयों का निराकरण करना होगा।
मनरेगा में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लाभांवितों को केंद्र सरकार द्वारा कार्ड देने और एक विशेष नंबर देने के लिए ई शक्ति योजना की तारीफ करते हुए नीतिश कुमार ने कहा कि उन्हें आशा है कि इसे अन्य क्षेत्रों में भी उपयोग में लाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए हम तकनीक का उपयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, क्योंकि ई-गवर्नेस से शासन में पारदर्शिता आती है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का सुशासन पर अधिक जोर है। इसलिए लोकसेवाएं लोगों को सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए सेवा का अधिकार कानून लाने जा रहे हैं, जो अधिकारियों की जवाबदेही तय करेगा।

Thursday, April 19, 2012

इसे कहते हैं कच्छप गति का विकास

CSC Problem in India

जागो VLe जागो

CSC Problem in India

आखिर वसुधा केंद्र के साथ हीलाहवाली क्यूँ ?

20Aprl 2012 Report By: 
Kumar Ravi Ranjan, Vasudha Kendra
ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सेवाओं को उपलब्ध करने हेतु बिहार में ई-गोवारनेंस लागु कर पंचायतों में कामन सर्विस सेंटर की वसुधा केंद्र के रूप में स्थापना बिहार सरकार द्वारा की गयी है!  वादे तो (एस सी ए) बहुत किये गए, मानो जैसे सभी VLe  तुरंत अमेरिका के वारेन बफेट या फिर बिल गट्स जैसे कोई आमिर आदमी बनने वाले हों ! दरअसल ये वादे अगर अपने दम पे कोई कम्पनी करती तो शायद ही किसी आईटी शिक्षित बेरोजगार  नौजवानों को को इन बातों में विश्वास होता? लेकिन वसुधा केंद्र से सम्बंधित प्राप्त आय की चर्चा बढ़ा चढ़ा कर राज्य सरकार द्वारा कम्पनियों को मोहरा बना कर किया गया ! अच्छे खासे तादाद में बेरोजगारों ने इसमें अपनी रूचि तथा पूंजी लगा कर वसुधा केंद्र खोलने में दिखाई! पुरे पांच वर्ष बीत चुके लेकिन वसुधा केन्द्रों को किये गए वादों में से एक भी सरकारी सेवा मुयस्सर नहीं हुआ! अब इसे हम नियति की विडंबना या सरकार की तानाशाही निति की घोतक लालफितासह्बी की प्रक्रिया कहें !  जो अब तक वसुधा केन्द्रों को डेड स्थिति में रखा गया है ! आज हमारे राज्य में वसुधा के संचालको की स्थिति ऐसी है की , रोज सुबह अख़बार के एक - एक पन्ने को को बेसब्री से पढ़ते हैं की शायद वसुधा को जीवंत करने से सम्बंधित  कोई समाचार छपी हो ! लेकिन मिलता कुछ नहीं ! जिस प्रकार से नितीश कुमार जी ने संचालकों को धोखा  देने का काम किया वो शायद कोई फ्राड कम्पनी भी नहीं कर सकती थी ! मैं किसी और की नहीं बल्कि अपनी बात कर रहा हूँ की मै वो सख्स हूँ जो अपने कान से मुख्य मंत्री का भाषण सुन कर वसुधा केंद्र लिया है ! शायद हमारे सदर अब अपने वसुधा से सम्बन्धित किये गए वादों को भूल गए हैं ! या फिर किसी सलाहकार ने सलाह दिया हो की इस केंद्र से बिहार को कुछ नहीं हासिल होने वाला है ! वसुधा के विकास में एक बात तो तय है की सरकारी मुलाजिम बिलकुल नहीं चाहते की बिहार में वसुधा पनपे !इन्हें एक बात का डर है की अगर वसुधा केंद्र अपने स्वस्थ स्थिति में आ गया तो, इनकी हमेशा गर्म रहने वाली जेबें ठंडी पड़ जाएगी ! उपरी आमदनी की जरिया बिलकुल बंद हो जायेगा ! चुकी सरकार ने उन तमाम सेवाओं को वसुधा केन्द्रों के जिम्मे सुपुर्द करने का वादा किया है  जो किसी न किसी रूप से आजादी के बाद  से ही सरकारी बाबुओं द्वारा पीड़ित और संक्रमित रहा है ! और अकाट्य सत्य ये भी है की वसुधा केन्द्रों को सक्रिय करने में लालफीताशाही का बड़ा रोल है ! मैं मुख्य मंत्री के ढेरों जनता दरबार में अपनी अर्जी लेकर गया हूँ ! वसुधा से सम्बन्धित आवेदनों के प्रति मैंने कभी भी मुख्य मंत्री को गंभीर होते नहीं देखा ! जब की वसुधा केंद्र बिहार के वसुधा के लोगों के लिए लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में संजीवनी साबित हो सकता है ! इस केंद्र से उन गरीब तबके के लोगो को स्वत: उन सेवाओं का ऑनलाइन लाभ मिलना तय हो जायेगा, जिसके लिए वो अपना सारा काम धंधा छोड़ परेशान रहा करते थे ! अब जरुरत इस बात की है की वसुधा केंद्र के बारे में सुशासन की सरकार तुरंत ध्यान दे ! अन्यथा बिहार को विकसित राज्य बनाने का सपना चकनाचूर हो जायेगा ! 

Tuesday, April 17, 2012

सूचना के अधिकार के तहत कुछ सैम्पल आवेदन

  1. किसी सरकारी विभाग में रुके हुए कार्य के विषय में सूचना के लिए आवेदन
  2. गलियों तथा सड़कों से जुड़े कार्यों का पूर्ण विवरण
  3. सड़क की मरम्मत का विवरण
  4. सड़क की खुदाई का विवरण
  5. सफाई की समस्या - स्वीपर अपना काम सही तरीके से नहीं करते
  6. कूडेदान की सफाई नहीं होना
  7. स्ट्रीट लाइट काम नहीं कर रही है
  8. पानी की समस्या
  9. बागवानी (पार्क) की समस्या
  10. स्कूल में अध्यापक या अस्पताल में डॉक्टर का न आना या देर से आना
  11. अस्पताल में दवाइयों की कमी
  12. मध्याहन भोजन योजना का विवरण
  13. यूनिफॉर्म/किताबों के वितरण का विवरण
  14. विद्यालय की मरम्मत व अन्य खर्चे का विवरण
  15. विद्यालय में वजीफा का विवरण
  16. राशन का विवरण
  17. बी.पी.एल के चयन के लिए किये गये सर्वे का विवरण
  18. वृद्वावस्था एंव विधवा पेंशन के आवेदन पर हुई कार्यवाही का विवरण
  19. वृद्वावस्था/विधवा पेंशन का विवरण
  20. व्यवसायीकरण
  21. अतिक्रमण
  22. किसी वार्ड में हुए कामों की सूचना
  23. विधायक/ सांसद विकास निधि का विवरण
  24. जन शिकायत निवारण व्यवस्था
  25. भ्रष्टाचार से सम्बंधित शिकायतों की स्थिति
  26. सरकारी वाहनों का दुरूपयोग
  27. कार्यों का निरीक्षण
विशेषत: ग्रामीण समस्याओं से सम्बंधित आवेदन
  1. हैण्डपम्पों का विवरण
  2. विद्युतिकरण का विवरण
  3. ग्राम पंचायत की भूमि एवं पट्टे का विवरण
  4. ग्राम पंचायत के खर्चे का विवरण
  5. ए.एन.एम से सम्बंधित विवरण
  6. एन.आर.ई.जी.ए. के तहत जॉब कार्ड, रोजगार व बेरोजगारी भत्ता का विवरण
  7. रोजगार गारंटी के तहत मांगे गये काम का विवरण
  8. रोजगार गारंटी के तहत जॉब कार्ड के आवेदन का विवरण
  9. इन्दिरा आवास योजना का विवरण

इस खबर के स्रोत का लिंक: 
http://hindi.indiawaterportal.org/node/33639

आर टी आई- ऑनलाइन करें अपील या शिकायत


क्या लोक सूचना अधिकारी ने आपको जवाब नहीं दिया या दिया भी तो ग़लत और आधा-अधूरा? क्या प्रथम अपीलीय अधिकारी ने भी आपकी बात नहीं सुनी? ज़ाहिर है, अब आप प्रथम अपील या शिकायत करने की सोच रहे होंगे। अगर मामला केंद्रीय विभाग से जुड़ा हो तो इसके लिए आपको केंद्रीय सूचना आयोग आना पड़ेगा। आप अगर बिहार, उत्तर प्रदेश या देश के अन्य किसी दूरदराज के इलाक़े के रहने वाले हैं तो बार-बार दिल्ली आना आपके लिए मुश्किल भरा काम हो सकता है। लेकिन अब आपको द्वितीय अपील या शिकायत दर्ज कराने के लिए केंद्रीय सूचना आयोग के दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब आप सीधे सीआईसी में ऑनलाइन द्वितीय अपील या शिकायत कर सकते हैं। सीआईसी में शिकायत या द्वितीय अपील दर्ज कराने के लिए हीं http:rti.india.gov.in में दिया गया फार्म भरकर जमा करना है। क्लिक करते ही आपकी शिकायत या अपील दर्ज हो जाती है।

दरअसल यह व्यवस्था भारत सरकार की ई-गवर्नेंस योजना का एक हिस्सा है। अब वेबसाइट के माध्यम से केंद्रीय सूचना आयोग में शिकायत या द्वितीय अपील भी दर्ज की जा सकती है। इतना ही नहीं, आपकी अपील या शिकायत की वर्तमान स्थिति क्या है, उस पर क्या कार्रवाई की गई है, यह जानकारी भी आप घर बैठे ही पा सकते हैं। सीआईसी में द्वितीय अपील दर्ज कराने के लिए वेबसाइट में प्रोविजनल संख्या पूछी जाती है। वेबसाइट पर जाकर आप सीआईसी के निर्णय, वाद सूची, अपनी अपील या शिकायत की स्थिति भी जांच सकते हैं। इस पहल को सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम माना जा रहा है। सूचना का अधिकार क़ानून लागू होने के बाद से लगातार यह मांग की जा रही थी कि आरटीआई आवेदन एवं अपील ऑनलाइन करने की व्यवस्था की जाए, जिससे सूचना का अधिकार आसानी से लोगों तक अपनी पहुंच बना सके और आवेदक को सूचना प्राप्त करने में ज़्यादा द़िक्क़त न उठानी पड़े।


आरटीआई ने दिलाई आज़ादी


मुंगेर (बिहार) से अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता ओम प्रकाश पोद्दार ने हमें सूचित किया है कि सूचना का अधिकार क़ानून की बदौलत बिहार में एक ऐसा काम हुआ है, जिसने सूचना क़ानून की ताक़त से आम आदमी को तो परिचित कराया ही, साथ में राज्य की अ़फसरशाही को भी सबक सिखाने का काम किया। दरअसल राज्य की अलग-अलग जेलों में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे 106 क़ैदियों की सज़ा पूरी तो हो चुकी थी, फिर भी उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा था। यह जानकारी सूचना क़ानून के तहत ही निकल कर आई थी। इसके बाद पोद्दार ने इस मामले में एक लोकहित याचिका दायर की। मार्च 2010 में हाईकोर्ट के आदेश पर ससमय परिहार परिषद की बैठक शुरू हुई, जिसमें उन क़ैदियों की मुक्ति का मार्ग खुला, जो अपनी सज़ा पूरी करने के बावजूद रिहा नहीं हो पा रहे थे।

यदि आपने सूचना क़ानून का इस्तेमाल किया है और अगर कोई सूचना आपके पास है, जिसे आप हमारे साथ बांटना चाहते हैं तो हमें वह सूचना निम्न पते पर भेजें। हम उसे प्रकाशित करेंगे। इसके अलावा सूचना का अधिकार क़ानून से संबंधित किसी भी सुझाव या परामर्श के लिए आप हमें ई-मेल कर सकते हैं या हमें पत्र लिख सकते हैं। हमारा पता है :

चौथी दुनिया, एफ-2, सेक्टर-11, नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) उत्तर प्रदेश, पिन -201301,
ई-मेल rti@chauthiduniya.com

मिसाइल मैन का पूरा नहीं हुआ सपना

मुजफ्फ़रपुर : prabhatkhabar.com
मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का ग्लोबल विलेज का सपना जिले में धरातल पर उतरने से पूर्व ही दम तोड़ रहा है. राष्ट्रीय इ गवर्नेंस योजना के तहत चार साल पहले शुरू हुई सहज वसुधा केंद्र पर अब तक सरकारी कार्य का निष्पादन भी शुरू नहीं हुआ है. इस कारण अधिकांश केंद्र संचालक की ओर्थक स्थिति लचर हो गयी है.
आरटीइ पर सवाल
15 अगस्त से शुरू होने वाली राइट टू सर्विस एक्ट ने वसुधा केंद्र के अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर दिया है.उल्लेखनीय है कि राइट टू सर्विस एक्ट के तहत सभी सरकारी सुविधाओं की जानकारी ऑन लाइन की जा रही है. इसके अंतर्गत प्रखंड मुख्यालय में ही लोगों को सभी जानकारी मिल जायेगी. इस स्थिति में वसुधा केंद्र की उपयोगिता ही समाप्त हो जायेगी.
क्या है वसुधा केंद्र
वसुधा केंद्र के माध्यम से सभी सरकारी प्रमाण पत्रों के अलावा पंचायत स्तर की सभी योजनाओं के कार्य व खर्च की गयी राशि का ब्योरा तैयार करना है. सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक वसुधा केंद्र से हर महीने 65 हजार रुपये तक डाटा ट्रांजेक्शन किया जाना है, लेकिन अब तक किसी वसुधा केंद्र में फूटी कौड़ी का काम नहीं हुआ.
कर्ज में डूबे संचालक
प्रशासनिक उदासीनता के कारण वसुधा केंद्र संचालक कर्ज में डूब गये हैं. संचालक के घर बैंक वाले नोटिस भेज रहे हैं. बता दें कि वसुधा केंद्र के लिए संचालकों को एक लाख 20 हजार बैंक लोन मिला था. इसके अलावा एक -दो लाख की पूंजी लोगों ने खुद लगायी थी. काम शुरू नहीं होने के कारण बैंक लोन भी चुकता नहीं हो पा रहा है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री व वैशाली के सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि वसुधा केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों के लिए काफी लाभकारी है. जिला प्रशासन को पत्र लिख कर इसे अविलंब चालू करने को कहा जायेगा.
काम का ब्योरा
मुख्यमंत्री के जनता दरबार से लेकर, रेलवे रिजर्वेशन, जमीन की जानकारी, जन्म प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, इंटरनेट सेवा, कृषि पशुपालन, बैंकिग इंश्योरेंस, मनरेगा योजना, डिजिटल फोटोग्राफी सहित दर्जनों काम इसके माध्यम से होने थे.
- प्रभात कुमार - की रिपोर्ट

वसुधा केंद्रो से होगी डाटा इंट्री

मुजफ्फरपुर, कासं : मनरेगा योजना की डाटा इंट्री का कार्य अब वसुधा सेवा केंद्रों के माध्यम से किया जाएगा। योजना के कार्यो में तेजी लाने के साथ अधिक से अधिक कामगारों को रोजगार मुहैया कराया जा सके। डीएम आनंद किशोर ने बुधवार को समाहरणालय कक्ष में डीडीसी योगेन्द्र राम, डीआरडीए निदेशक भरत दूबे, कार्यक्रम पदाधिकारियों व वसुधा केंद्रों के प्रतिनिधियों के साथ मनरेगा की समीक्षात्मक बैठक की।
डीएम श्री किशोर ने जिले में मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्यो की डाटा इंट्री पंचायत स्तर पर ही कराए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिले में पंचायत स्तर पर कुल 324 वसुधा सेवा केंद्र हैं। इसके माध्यम से इंट्री का कार्य कराए जाने से समय पर इसका कार्य हो सकेगा। साथ ही इससे केंद्र को आगे बढ़ने का भी मौका मिल सकेगा। इन्हें प्रशिक्षित करने के लिए आगामी 11 फरवरी को सभाकक्ष में कार्यशाला आयोजित की जाएगी। उन्होंने केंद्र के प्रखंड समन्वयकों को अधिकतम पांच आईटी में तकनीकी जानकारी रखने वाले केंद्र संचालक को कार्यशाला में शामिल होने को कहा है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें स्तर से ग्राम पंचायतों में स्थित केंद्रों के संचालकों को प्रशिक्षित करने को कहा गया है।
जानकारी के मुताबिक, बीते तीन माह से डाटा इंट्री का कार्य पूरा नहीं होने के कारण जिले में द्वितीय किस्त की राशि अटकी पड़ी है। इससे उक्त अवधि से न तो मनरेगा के तहत कोई काम हो सका है और न ही मजदूरी का भुगतान। इस समस्या से निपटने के लिए ही जिला प्रशासन ने पंचायत स्तर पर डाटा इंट्री का कार्य कराए जाने की कवायद शुरू की है, ताकि समय पर इंट्री अपलोड हो सके
सम्बंधित खबर पढ़े  दैनिक जागरण 

10 लाख में बनेगा नागरिक सुविधा केंद्र

बिहारशरीफ( नालंदा) : समाहरणालय में किसी कार्य से आने वाले लोगों को अब संबंधित कार्यालय कक्ष,अफसर व कर्मी को ढूंढ़ने के लिए परेशान होना नहीं पड़ेगा. कलेक्ट्रेट परिसर में दस लाख की लागत से निर्माणाधीन वातानुकूलित नागरिक सुविधा केंद्र से ही लोगों को सारी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कराने की व्यवस्था की जा रही है. केंद्र में आम लोगों को बैठने के अलावे पेयजल की व्यवस्था दूर से आने वालों को काफी राहत देगी.
केंद्र में विभागवार अलग-अलग काउंटर बनाये जा रहे हैं. संबंधित काउंटर से लोगों को सारी जानकारी देने के साथ ही आवेदन प्राप्त किया जायेगा. आवेदन को संबंधित विभाग में भेजने के साथ ही काउंटर पर मौजूद कर्मी द्वारा आरटीएस के तहत कार्य के लिए निर्धारित समय के बाद आवेदकों को दोबारा आने की सूचना दी जायेगी. डीटीओ मुकेश कुमार ने बताया कि केंद्र के संचालन के बाद आम लोगों को काफी राहत मिलेगी. उन्हें किसी कार्य के लिए अफसरों और कर्मियों की खुशामद करनी नहीं पड़ेगी तथा समय पर कार्य का निष्पादन भी होगा.
पंचायतों के लिए कवायद
बिहारशरीफ जिले में पंचायत स्तर पर नागरिक सुविधा केंद्र बनाने की योजना पर कार्य चल रहा है, जहां से लोगों को उक्त सारी समस्याओं का समाधान किया जायेगा. लोगों के आवेदन को ऑन लाइन कर संबंधित अफसरों तक पहुंचाया जायेगा,जहां से सत्यापन के बाद कार्य को पूरी तरह पुन सुविधा केंद्र को नेट के माध्यम से लौटा दिया जायेगा.
केंद्र के कंप्यूटर से संबंधित कागजात का प्रिंट आउट निकाल कर आवेदक को दे दिया जायेगा. इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए वसुधा केंद्र की सहायता ली जा रही है. वर्तमान में 208 पंचायतों की सूची वसुधा केंद्र के संचालक द्वारा सौंपी गयी है, जहां नागरिक सुविधा केंद्र के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
वसुधा केंद्र द्वारा सौंपी गयी सूची की जांच के लिए संबंधित बीडीओ, थानाध्यक्ष एवं आइटी मैनेजर को जिम्मेवारी दी गयी है. वसुधा केंद्र में जरी संसाधन, नागरिकों को बैठने की सुविधा एवं केंद्र में तैनात कर्मी के चरित्र के संबंध में जांच करायी जा रही है. इ-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के नोडल पदाधिकारी रत्नेश कुमार झा ने बताया कि नालंदा सूबे में पहला जिला है,जहां इस परियोजना पर तेजी से कार्य चल रहा है. इसके लागू होने के बाद जिले के लोगों को काफी राहत मिलेगी. साथ ही भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश लगेगा. राइट टू सर्विस एक्ट के प्रावधानों का अनुपालन में भी ऑन लाइन कार्य संपादन से काफी सहूलियत होगी.
देखें प्रभात खबर की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

नितीश कुमार जी के नाम वसुधा केंद्र का एक खुला पत्र

आदरणीय मुख्य मंत्री जी, (बिहार सरकार )
सादर प्रणाम,

                 मै उम्मीद करता हूँ की आप सही सलामत से होंगें! आपके बारे में अक्सर मीडिया में पढने सुनने को मिलते रहता है, जिससे मुझे फक्र के साथ गुमान होता है की मैं कितना लकी निकला की आपके सुशासन के राज में मैं वसुधा केंद्र के रूप में बिहार में आपके द्वारा अवतरित हुआ ! हमे फक्र हो भी क्यूँ नहीं? आप ही तो हैं की दलित समाज को महादलित के रूप में अवतरित कर उनका कष्ट हरने का एक सराहनीये काम किया ! आप ही तो हैं की बिहार की बच्चियां जहाज के बदले सायकिल से आसमान को छू रहीं हैं ! ये आप ही की तो जलवा है की पूरा विश्व समुदाय आपकी बातों से  प्रेरित हो  नालंदा उनिवर्सिटी का वैभव लौटाने के लिए हर तरह से लालायित एवं प्रयासरत हैं ! बिहारियों की सपने को भी आपने बखूबी पूरा किया, किसी फ़िल्मी नेत्री के गाल जैसा बिहार में सड़क निर्माण कर के ! पूरा भारत आपको दुसरे हरित क्रांति का सूत्रधार मानने को विवश हो चला है ! आपके कृषि रोड मैप की चहु ओर प्रसंशा हो रही है ! और आपके धुन से लगता भी है की, बहुत शीघ्र हरेक भारत वासियों के थाली में एक बिहारी व्यंजन आवश्य होगा ! कैसे कोई नहीं मानेगा की आपने बिहार के स्वास्थ्य सेवाओं में आश्चर्य जनक सुधार किया है ! बिहार वासियों को वो काले दिन याद है- जब घर से जाते थे तो उनका लौटना संदिग्ध होता था ! लेकिन आपकी इच्छा शक्ति को दाद देनी पड़ेगी की आपने किस तरह से पुलिस तंत्र को मजबूत कर स्पीडी ट्रायल के सहारे उन अपराधियों को अन्दर करने का एक उन्नत दर्जे का काम किया ! पूरी दुनिया तब आपकी मुरीद हो गयी , जब विश्व के एक संपन्न हस्ती ने आपकी सराहना खुले दिल से एक अंतर्राष्ट्रीय मंच पर की ! आपको एक बेहतरीन अवार्ड के लिए भी नामित किया  गया ! जो पोलिओ के विनाश के लिए था ! कोई कहता था की भ्रष्ट्राचार को किसी से डर नहीं लगता ! लेकिन हाल के दिनों में अब पुरे भारत को लग रहा है की, भ्रष्ट्राचार इस देश में पहली बार -नितीश नामक CM से डर रहा है ! तभी तो भ्रष्ट्राचार के आलिशान बिल्डिंगों में सरकारी विद्यालय खुल रहे हैं ! आप की विवेक की तारीफ तो उस बखत सबको करनी पड़ी जब- एक उत्तर भारतीय विरोधी , वयोवृद्ध हिन्दू वादी नेता -बाल ठाकरे ने मुंबई में होने वाले बिहार दिवस पर आपकी खुल कर तारीफ की ! आपके बारे में अक्सर सुना जाता है की आप "चुनौतियों को अवसर में बदल लेते हैं" ! और बिहार इसका जीता जागता उदाहरण है ! दिल गार्डेन- गार्डेन तब होता है जब आपके द्वारा सृजित योजनाओं को केंद्र सरकार पुरे देश में दुसरे नामों से लागु करती है !  आप न्याय के साथ विकास कर के  नक्सली भाइयों को समाज के मुख्य धारा में लौटने के लिए प्रेरित किया !जिसके कुछ अच्छे परिणाम भी देखने को मिले ! प्रकृति के संसाधनों के आप एक सजग
प्रहरी हैं! तभी तो आपने धरहरा गाँव को ढूढ़ निकाला ! दिल पुलकित हो उठा जब आपने कहा की "भगवान के पास जाऊंगा और वो पूछेंगे की- मेरा दिया हुआ पहाड़ को क्या किया , तब हम क्या जवाब देंगें "? और आपने अवैध खनन को हमेशा के लिए बंद कर दिया !
हे कृपानाथ, हे नीतियों के इश्वर -नितीश, हे विकास पुरुष, हे बिहार के सदर अब हमारी सुध कब लोगे ? मेरी (वसुधा केंद्र ) दशा और दिशा ठीक उसी प्रकार की हो गयी है जैसी कभी विप्र सुदामा की हुआ करती थी! मुझे खुले करीब पांच साल हो गए, मेरी संख्या भी राज्य में करीब ६५०० हो गयी है , लेकिन आमदनी के बदले सिर्फ और सिर्फ कम्पनी द्वारा शोषण किया जा रहा है ! अब लोग मुझ पर ताना और व्यंग कसते हैं, लोग मेरे v-set के छतरी को देख मुस्काते हैं! जो कम्पुटर मिला था G2C के लिए वो अब हन- हना   कर बंद होने लगा है, बट्री भी बिलकुल बैठ चूका है! यानि यूँ समझिये की मैं बिलकुल अस्वस्थ व् दैनिये स्थिति में जा पहुंचा हूँ !मै संकट में हूँ! हे दुःखहरण देव -आपने जो हमारे लिए वादा किया था , वो शायद ऊपर के आपके द्वारा अर्जित उपलब्धियों ने विस्मृत कर दिया ! अब लगता है की आपको मेरी सुध नहीं रही ! मैं कैसे और कितनी बार कंहू की, मै किसी और का नहीं बल्कि आपकी उपज हूँ! मै फटेहाल में अपनी वेदना और प्रार्थना लेकर आपके पास आया हूँ ! चुकी मेरा देख रेख करने वाला नौकर (VLe ) फटेहाल में जी रहा है ! सुना भी है की आपके दर कोई खाली नहीं जाता ! इसका सीधा और सरल प्रमाण है रोहतास गढ़ किले की विकास के द्वारा
पुनः वैभव की ओर वापसी करना! हे कृपा नंदन मेरी दशा की ओर ध्यान दें और मेरी दुखों का -मृत होने से पहले शीघ्रातिशीघ्र निवारण  करें ! 

                                                                   आपका कृपाकांक्षी
                                                                  
                                                                    वसुधा केंद्र, (CSC )
                                                                    राज्य- बिहार,

Monday, April 16, 2012

कठिन संघर्ष से मिला वसुधा केन्द्रों को wimax सेवा

BSNL wimax और वसुधा केंद्र
कम्पनी द्वारा प्रदात v -set महंगा होने के कारण वसुधा केन्द्रों को तीव्र और सस्ता इन्टरनेट सेवा की दरकार थी ! जिसे हर हल में बीएसएनएल की wimax सेवा ही पूरा कर सकती था! मै सीधे BSNL के हेडक्वाटर सासाराम पंहुचा, वंहा मैंने  TDM श्री SS कुशवाहा से अपनी wimax समस्या को रखा ! ये महाशय ने मुझे बच्चा समझ टरकाने की भरपूर कोशिश किया ! BSNL के अकर्मण्य कर्मियों ने मुझे पुरे डेड़ साल तक चूहा बिल्ली का खेल खेलने का कम किया ! मानव को सहने की भी एक परकाष्ठा होती है! मैं अब इधर उधर दौड़ने के बजाय सीधे आर-पार की करवाई में भरोसा किया और साफ-साफ शब्दों में BSNL से wimax का  गंभीरता से मांग किया ! फिर क्या श्री मान TDM महोदय मुझसे उलझ गए और बदतमीजी शुरू कर दिया! इतने पे  उनका जी नहीं भरा तो सुरक्षा कर्मियों को बुला कर मुझे BSNL के कार्यालय में पिटवाने का काम किया गया ! पीटने से मेरे चेहरे पे दाग हो गया एवं मेरे कुरता की हालत ठीक फिलम के मजनू की तरह दिखने लगा ! बस इसी का मुझे इंतजार भी था! मै सासाराम से घर न आकर सीधे पटना के लिए सरकारी बस पकड़ कर चल दिया, ताकि BSNL के CGM को इन घटनाओं के बारे में जानकारी दे सकूँ ! पटना ने भी मेरे साथ दगा किया ! मतलब CGM का कहना था की TDM की इसमें कोई गलती नहीं है, चुकी मै हद से ज्यादा स्मार्ट बन रहा हूँ ! और मै बार बार CGM को अपने चेहरे तथा मजनू की हालत हुए कुरते को दिखा रहा था ! लेकिन यंहा मेरी कौन सुने? और मै उन ज्यादतियों को कतई भुलाने और न ही माफ़ करने के मूड में था ! चुकी मेरे साथ बीएसएनएल द्वारा किये गए अभद्र व्यहार सीधे तौर पे वसुधा केंद्र के उपर हमला था ! मै सीधे नई दिल्ली के लिए रवाना हुआ, और बीएसएनएल के राष्ट्रीय कार्यालय पहुंचा एवं सीधे CMD को अपनी बीएसएनएल रोहतास से सम्बंधित समस्यायों को बताया एवं लिखित में शिकायत दिया !
फिर क्या - उन तमाम बीएसएनएल के दोषी कर्मियों के खिलाफ जाँच की तलवार म्यान से निकल पड़ी ! लम्बी जाँच की प्रक्रिया चली, दोषी कर्मी दण्डित हुए, मुझसे माफ़ी भी मांगे! CMD को शिकायत करने के बाद मै अपने मित्र के पास रुका ! उसने भी मामला गंभीर जान मुझे DOT (डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलिकॉम) नॉएडा एवं DIT को भी लिखित शिकायत करने की सलाह दी ! मैंने बिना देर किये उसकी सलाह मान ली ! बीएसएनएल की जाँच उसी के कर्मियों द्वारा की गयी ! लेकिन द्रुत गति से wimax चालू कराने में DOT की सराहनीये भूमिका को नज़र अंदाज करना गलत होगा! इतना ही नहीं जिस wimax के लिए ये सब हुआ वही wimax का पूरा सेट तकनिकी लोगो के समूह द्वारा स्वयं आकर हमारे पंचायत के CSC पे लगाने का काम किया गया ! आज मै इसलिए खुश नहीं हूँ की मुझे रोहतास जिले का पहला wimax मिला, बल्कि मै ज्यादा खुश इसलिए हूँ की मैंने उस कम्पनी को कर्मण्यता का पाठ पढाया जो कभी अकर्मण्यता की दहलीज पर अपनी कार्य संस्कृति के लिए जाना जाता है जिसका नाम बीएसएनएल मतलब ( भाई सब नहीं लगेगा ) ! लेकिन ये वही बीएसएनएल है जो, अब मुझे बार-बार कहता है की " रवि रंजन जी - वसुधा केन्द्रों में wimax जरुर लगेगा"! और लग भी रहा है !
और इसे ख़ुशी नहीं तो क्या कहेंगे की -अबतक बीएसएनएल ने रोहतास वसुधा केन्द्रों को 25 से ज्यादा wimax देने का kam किया है ! तथा अभी ये wimax युद्ध  स्तर पर लगाने का काम भी बीएसएनएल द्वारा जरी  है !
wimax की विशेषता :  सस्ता (400 /माह - 4GB , 1500 / माह अनलिमिटेड)
                                     40 पैसा प्रति MB डाउनलोड चार्ज
                                     गति - अभी तक इतना मैंने नहीं देखा
मतलब साफ़ - wimax है तो VLe की बल्ले - बल्ले .........   मै तो कहता हूँ की आप भी सोचिये इस wimax का लुफ्त उठाने के बारे में !
कुमार रवि रंजन
नोडल VLe - रोहतास     सम्बंधित खबर पढ़े  प्रभात खबर

Friday, April 13, 2012

CSC (वसुधा) को NeGP का हक चाहिए भीख नहीं

                                                      JP गोलंबर १६ नवम्बर २०११

काश ऐसा एक दिन होता की बिहार के सारे VLe एक वक़्त के लिए पटना में होते ?

आज भि एल ई अनसन का दूसरा दिन है। इसके बाबजूद किसी भी, भि एल ई का उत्त्साह ठंडा नहीं हुआ है। आई के सुधाकर शकातिनाथ जी बाकि और लोगो का उत्त्साह बधा रहे है । इस बार भि एल ई जरुर सफल होंगे। हम सभी भि एल ई को इस बार जरुर उनकी मदद करनी चाहिए, बिहार के लगभग सभी जिलो से भि एल ई आये हुए है सार्क सिस्टम से विजय जी प्रशांत जी समेत अन्य भी एल भी आये हुए हैजूम से कर्तिकेश जी भी पहुँच चुके है

Thursday, April 12, 2012


जेपी गोलंबर पर जुलूस नीकाल नारेबाजी करते 

वसुधा केंद्र संचालक संघ के युवक।

बिगत चार वर्षो से भी एल ई के साथ जों हो रहा है यह सायद मानवता की सारी हदों को पर कर जाने वाला कस्ट है।मै जानना चाहता 
हूँ की क्या हमने इसी लिए वसुधा केंद्र की अस्थापना किया था? बिगत कुछ वर्षो में हमलोगों ने हर एक छोटे अधिकारियो से 
लेकर माननीय मुख्यमंत्री तक से अपनी फरियाद सुनाई पर भी एल ई की बात सुनने वाला कोई भी नहीं है. हमारे घर 
में जब कोई समस्या आती है तो घर के मुखिया को हम अपनी समस्या बताते है. इसी तरह भी एल ने माननीय 
मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी को भी समस्यायों से अवगत करवाया पर बार बार अस्वाशन के सिवा कुछ भी नहीं मिला. क्या  
कारन है की पंचायत स्तरकी बाकि अन्य योजनाओ पर नितीश सरकारनजर है और वसुधा केन्द्रों परनहीं. वसुधा केंद्र बिहार में सुशाशन
लाएगी पर सुशाशन की सरकार ऐसा क्यों नहीं चाहती है? १४ अक्टूबर को जे पी गोलंबर पर किया गया धरना और अक्रोसित भी एल  
का प्रदर्सन देखने के बाद यही लगता है.की भी एल अब और बर्दास्त नहीं कर पाएगा. यह धरना सांकेतिक धरना है. अगर भी एल के
  मांगो को नहीं माना गया तो १४ नवम्बर को हजारो की संख्या में भी एल पटना पहुँच कर सरकार
से यही सवाल पूछेगी तब जा कर सायद सुसाशन सरकार की नींद खुल पाएगी

अधिकांश वसुधा केंद्र बंद हो गये हैं.

जो चालू भी है उससे भी लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है

जरा पढ़िए क्या कहता वसुधा केंद्र के बारे में 
       PRABHAT KHABAR
     Vasudha kendra Kumar Ravi Ranjan,

सरकार वसुधा के लिए सिर्फ सोचती और कहती है......

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा की ग्रामीण क्षेत्रों में वसुधा केन्द्रों का इस्तेमाल बैंक प्रतिनिधि के रुप में किया जा सकता है
 

वसुधा केंद्र को मीडिया ऑन व्हील्स की नहीं सरकारी कामो की दरकार है

रमण बाबु को मीडिया ऑन व्हील्स को रवाना करने से पहले दस बार सोचना चाहिए था, की इस तरह के हाथकंडे अपनाने से वि एल ई  की बेगारी दूर नहीं होगी ! रमण सिंह जी पहले G to C के लिए जोर लगाये
पढ़े रमण बाबु के मीडिया ऑन व्हील्स को 
                                  कुमार रवि रंजन, वसुधा केंद्र,

बिहार में भ्रष्ट्राचार पर होगा वार

बिहार,06 अगस्त 2011: अब सरकार की नज़र पंचायतो में फैली भ्रष्ट्राचार पर है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की पंचायतो की निगरानी के लिए राज्य में लोकप्रहरी का गठन किया जाएगा।पंचायतो के भ्रष्ट प्रतिनिधि और अधिकारियो- क्रमचारियो पर लोकप्रहरी की कड़ी निगरानी होगी। उन्होंने कहा है की पंचायती राज व्यवस्था संसदीय प्रणाली का आधार है। इसलिए इसे खत्म नहीं बल्कि और दुरुस्त किया जाना चाहिए।उन्होंने एन डी ए कार्यकर्तायों से इस अभियान में खुलकर साथ देने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा की भ्रस्टाचार को नहीं किया जायेगा। भ्रष्ट्राचार के विरुध्द बिहार के अभियान का दुसरे राज्य ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार भी अनुकरण कर रही है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश ने माना की पंचायतो में भ्रष्ट्राचार की शिकायते मिल रही है।उन्होंने कहा की ग्राम सभा की बैठकों का नियमित न होना भी भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा देना है।

Kumar Ravi Ranjan, Bihar, Rohtas.

ग्रामीण विकास में भ्रष्ट्राचार का बोल - बाला

NEW DELHI: A corruption survey by Centre for Media Studies has revealed that since 2005, overall percentage of rural households which paid bribe for any public service during the last one year preceding the survey had come down from 56% to 28%. The figure though remained high in Chhattisgarh (55%), Bihar (52%), Kerala (46%) and Maharashtra (40%). 
 पढ़े TIMES of INDIA का लेख
               Kumar Ravi Ranjan, Rohtas, Bihar

सहज वसुधा केंद्र के गुणवत्ता एवं वादे के खिलाफ शिकायत


सहज वसुधा केंद्र के गुणवत्ता एवं वादे के खिलाफ  मैंने उपभोक्ता 
फोरम में शिकायत किया! इस आलोक में मुझे श्री रमण सिंह जी 
(बिहार हेड ) की कुछ तीखी प्रतिक्रिया एवं याचना भी मिली !   
                                 शिकायत की मूल प्रति देखें

                      Kumar Ravi Ranjan, Hurka, Tilouthu, Rohtas, 821312