भागलपुर: ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए शुरू की गयी सहज वसुधा केंद्र मृतप्राय हो गयी है. अब सभी को विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से जोड़ कर संजीवनी देने का कार्य किया जा रहा है.
इसके पीछे सरकार की मंशा स्वरोजगार के साथ-साथ विकास कार्यो में पारदर्शिता बरतने की भी है. इन केंद्रों के जरिये गांवों में बनने वाली सड़कें, विभिन्न सरकारी भवन व अन्य विकास की योजनाओं की निगरानी भी की जायेगी. सरकारी योजनाओं से सीधे जुड़ जाने के कारण वसुधा केंद्र फिर से अपने कार्य के पथ पर अग्रसर हो सकेंगे.
एजेंसी ने दिया धोखा
ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा देने व बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए जिले में 215 सहज वसुधा केंद्र खोला गया था. इसे खोलने की जिम्मेदारी हैदराबाद की एक एजेंसी जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को दी गयी थी. शुरुआत में एजेंसी द्वारा वसुधा केंद्र को कंप्यूटर आदि तमाम संसाधन मुहैया करा दिये गये थे, लेकिन इसके बाद एजेंसी ही भाग खड़ी हुई. इससे यह योजना बीच मंझधार में ही रह गयी. अब इन केंद्रों को फिर से जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा देने व बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए जिले में 215 सहज वसुधा केंद्र खोला गया था. इसे खोलने की जिम्मेदारी हैदराबाद की एक एजेंसी जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को दी गयी थी. शुरुआत में एजेंसी द्वारा वसुधा केंद्र को कंप्यूटर आदि तमाम संसाधन मुहैया करा दिये गये थे, लेकिन इसके बाद एजेंसी ही भाग खड़ी हुई. इससे यह योजना बीच मंझधार में ही रह गयी. अब इन केंद्रों को फिर से जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है.
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