Wednesday, May 1, 2013

बिहार में वसुधा केंद्र दिला रहे बिचौलियों से मुक्ति

पटना|                         Published on: Wed, 09 May 2012 at 01:32 IST
बिहार में नालंदा जिले के बिहारशरीफ प्रखंड के देवधा ग्राम के रहने वाले संजय कुमार अब खुश हैं कि बिना प्रखंड मुख्यालय या जिला मुख्यालय गए ही उनका आवासीय और जाति प्रमाणपत्र बन गया। इसके लिए न ही उन्हें कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़े और न ही लिपिकों से मिन्नतें करनी पड़ीं। ये सुविधाएं कुछ ही समय के भीतर राज्य के सभी 8,471 ग्राम पंचायतों के वसुधा केंद्रों से मिल जाया करेंगी। 

इसी गांव के मुनेश्वर को भी अपना आय प्रमाणपत्र अपनी पंचायत के वसुधा केंद्र से दो दिन के भीतर किसी बिचौलिये को पैसा दिए बगैर ही मिल गया। राज्य के सभी पंचायतों में लोगों को यह सुविधा इसलिए मिल रही है, क्योंकि सरकार ने पंचायतों के वसुधा केंद्रों में अब राइट टू सर्विस एक्ट (लोक सेवा का अधिकार अधिनियम) के तहत 51 सामान्य सुविधाएं देने की योजना बनाई है। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से हुई।

नालंदा के जिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि पूरे जिले के 220 ग्राम पंचायतों में यह सेवा शुरू की गई है। शेष 29 पंचायतों में एक सप्ताह के भीतर यह सेवा शुरू कर दी जाएगी। सोमवार को पहला डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त ई-प्रमाण पत्र दिया गया। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, वेलट्रॉन और जिला प्रशासन के सहयोग से यह सम्भव हो सका।

राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस सेवा का मुख्य उद्देश्य सेवा के लिए लम्बी अवधि तक इंतजार से लोगों को राहत तथा घर के नजदीक सुविधा दिलाना है। बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के मुताबिक, इस अधिनियम में तत्काल सेवा का प्रावधान किया गया है।

अधिकरियों का कहना है कि इस सेवा के तहत लोगों को बिचौलियों से मुक्ति नहीं मिलती थी। जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालयों तक में बिचौलिये हावी हो गए थे और इसके लिए वे 200 से 2000 रुपये तक वसूलते थे।

राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने कहा कि नालंदा जिले से शुरू हुई इस योजना को 20 दिन के भीतर राज्य की सभी 8,471 ग्राम पंचायतों के वसुधा केंद्रों तक ले जाने की योजना है। इसके लिए कार्य पूरी तेजी से चल रहे हैं। उन्होंने आशा जताई कि जब यह सेवा लोगों को पंचायतों में ही मिलने लगेगी तो बिचौलियों पर अंकुश तो लगेगा ही, लोगों को सही मायने में लोक सेवा का अधिकार भी प्राप्त होने लगेगा।

वर्तमान में एक निर्धारित शुल्क के साथ जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, आवासीय प्रमाणपत्र, चरित्र प्रमाणपत्र सहित 51 सामान्य सुविधाओं को लोक सेवा अधिकार में शामिल किया गया है। बिचौलियों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कई बार उनकी गिरफ्तारी भी की, लेकिन उन पर अंकुश नहीं लगाया जा सका।

अधिकारियों के अनुसार, इस सेवा के तहत अब तक 1.35 करोड़ लोगों के आवेदन प्राप्त किए गए हैं, जिसमें 1.25 करोड़ लोगों के आवेदनों का निपटारा कर दिया गया है। इनमें आय, जाति, चरित्र और आवासीय प्रमाण पत्र के मामले सबसे अधिक थे।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की एक परियोजना के तहत देश की प्रत्येक पंचायत में एक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की स्थापना की जानी है। बिहार में इसका नाम वसुधा केंद्र है। इसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को उन्हीं की पंचायत में सरकारी एवं गैर सरकारी कामों की सुविधा प्रदान करना है।ia

No comments:

Post a Comment