Wednesday, August 15, 2012

नितीश कुमार अपना स्वाभिमान देखते हैं ऐसे शहीदों का नहीं

देश के शहीद के दाह संस्कार स्थल पर शराब का अड्डा ....

खुदीराम बोस का जहां अंतिम संस्कार किया गया था . आज बहां छलकते है दारु के जाम ..

बेगैरत देश में शहीदों के अपमान की पराकाष्ठा ...

बिहार में मुजफ्फरपुर के चंदवारामें शहीदों की चिता पर हर वर्ष मेले तो नहीं लगते, लेकिन हर दिन यहां जाम जरूरत टकराए जाते हैं..

देश की स्वतंत्रता के लिए क्रांति की मशाल जलाने वाले खुदीराम बोस का जहां दाह संस्कार किया गया था, वह स्थान सरकार की उपेक्षा का शिकार है। कहा जाता हैकि शाम को यह स्थल मयखाने में तब्दील हो जाता है।देश में अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की लौ जलाने वाले खदीराम बोस को 11 अगस्त 1908 को मुजफ्फरपुर जेल में फांसी दी गई थी। खुदीराम बोस का जहां अंतिम संस्कार किया गया था, वह स्थान अब भी सरकार की उपेक्षा का शिकार है।
आलम यह है कि वीरान पड़े इस स्थल पर शाम में खुलेआम शराब बेचीं जाते हैं। अब लोग इस पर कहते हैं, यहां शहीदों की चिता पर हर वर्ष मेले तो नहीं लगते, लेकिन हर दिन यहां जाम जरूरत टकराए जाते हैं। खुदीराम बोस का अंतिम संस्कार मुजफ्फरपुर जेल से करीब दो किलोमीटर दूर चंदवारा में किया गया था।

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