Saturday, August 18, 2012

गांवों में समन्वय के लिए 900 करोड़ रुपया ग्रामीण विकास मंत्रालय देगी !

19-08-2012

अरे भाई जयराम रमेश जी , ये पैसे वैसे ही लगते है गाँवो के लिए जैसे शहरी क्षेत्र ग्रामिणों को होटल में खाने के बाद बैरों की तरह ट्रिप दे रहा हो ! लुटा दो देश का सारा धन दौलत अर्बन क्षेत्रों में ! ग्रामीण क्षेत्र बैरा जो ठहरा शहर वालों का ! या फिर शहर वाले कर्ज दे रखे होंगे गाँव वालों को !
दिमाग ठिकाने आ जायेगा जब ग्रामीण लोग शहरों को राशन - पानी, दूध- दही, इंट - पत्थर, मजदुर भेजना बंद कर देंगे !
इसमें कोई संदेह नहीं ' सरकार आज भी ग्रामिणों को जेनेरल डब्बा समझती है '

..........जय हो........ ऐसी सरकार की

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