अरे सुनो रे वसुधा केंद्र के संचालकों, पटना से एक खुशखबरी आई है की अब हमलोगों को इंदिरा आवास से सम्बंधित देख - रेख तथा फोटोग्राफी का कार्य मिलने वाला है ! जानते हो आप -ये किसके विशेष कृपा या पहल से यह कार्य मिला है ? ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री संतोष मैथ्यू जी के दिमाग की उपज है यह कार्य ! काम तो पहले भी बहुत मिला था लेकिन, ये बिहार के व्योरोक्राट्स हमेशा रस्ते में रोड़ा अटकाने का काम किया ! इस कार्य के पहले भी न जाने कितने दफे सुनने तथा देखने को मिला की फलां काम वसुधा केंद्र के माध्यम से किया जायेगा ! नतीजा सिफर रहा ! कारन की वसुधा केंद्र को सभी बेईमान व्योरोक्राट्स सवत के जैसा इर्ष्या करके किसी भी काम को नहीं होने दिया ! कारन की इनकी बाबूगिरी को खतरा महशुस होता था ! लेकिन वन का गीदड़ जायेगा किधर - एक ना एक दिन तेको आनी ही पड़ेगी गिरफ्त में ! संतोष मैथ्यू जी ने वो कर दिखाया जो पहले कभी नहीं हुआ था ! इस कदर सर्कुलर / पत्र तथा विज्ञापन जारी किया है की प्रखंड से लेकर डिएम कार्यालय की पसीने छुट रहे हैं 'की' कैसे हर बार की भांति इस बार भी वसुधा केन्द्रों को इस काम से वंचित किया जाये? लेकिन यंहा तो सभी पिशाची बुद्धि फेल होते नज़र मालूम पड़ती है ! इंदिरा आवास में करोड़ों रुपये की गड़बड़झाला हुई है ! जैसे एक ही नाम के व्यक्ति को दो इंदिरा आवास, किसी ने लिंटर लेबेल तक घर बनाया नहीं लेकिन मुखिया, सचिव, बीडीओ तथा दलालों से पैक्ट करके राशी की निकासी कर बंदरबांट कर लिया ! या फिर जिसको आवश्यकता नहीं फिर भी उसको आवास पास कर दिया ! ऐसे बेईमानो का नब्ज पकड़ने का काम श्री संतोष मैथ्यू जी ने किया है !
अब वसुधा केंद्र के संचालक अपने कैमरा को लेकर जायेंगे और सम्बंधित अभ्यर्थी के घर का फोटो खिचेंगे तत्पश्चात उस घर से सम्बंधित एक रिपोर्ट बनायेंगे और फिर उसको अपने केंद्र का मुहर लगा कर अपना हस्ताक्षर कर अपने प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौप देंगे ! इसके बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय वास्तविकता को ध्यान में रखकर अग्रिम राशी सम्बंधित अभ्यावार्थियो को निर्गत करेगा ! ये हुई न बात ! इसके पहले सिर्फ पत्र जारी होता था की फलाना काम वसुधा केंद्र करेगा ! लेकिन वसुधा केन्द्रों का मुहर हस्ताक्षर की जिक्र तक उस पत्र में नहीं होती थी ! बाबु अपने किसी दुलरुआ से उसी काम को करा कर रिपोर्ट दे देते थे की वसुधा केन्द्रों से ही इस काम को कराया गया है ! लेकिन वसुधा के लाख प्रयास के बाद भी काम मुयस्सर नहीं हो पाता था !
अब बाबु लोग कितना मुहर और फर्जी हस्ताक्षर वसुधा केंद्र का जुगाड़ करेंगे ! अगर करेंगे भी तो लाल घर जायेंगे अपनी इज्ज़त को चार चाँद लगाने ! लेकिन वसुधा केंद्र के संचालकों के उपर ये एक बड़ी जिम्मेवारी सौपी गयी है ! ध्यान इस बात का रखना होगा की वसुधा केन्द्द्- कोई भी दलाल , मुखिया, सचिव या बीडीओ के बहकावे में न आये! ये लोग हर संभव कोशिश यही करेंगे की येन केन- प्रकारेण वसुधा केन्द्रों से गलत कराया जाये तथा वसुधा को बदनाम कर इस महत्वपूर्ण कार्य को फिर से अपने गिरफ्त में लिया जाये ! इस लिए संचालकों मै आपको हिदायत दे रहा हूँ की जो सत्य है वही रिपोर्ट बना कर दो ! वर्ना सरकार की भरोसा हम लोगों पैर से उठ जाएगी ! और जब एक बार भरोसा उठता है तो उसे पुनः बहल करने में काफी वक्त लग जाता है ! काम करो नाम करो ! अब आने वाला वक्त हमारा होगा ! बहुत तडपाया हमलोगों को सुशासन के बाबुओं ने ! आने वाले दिनों में अब हमलोग बिहार का नया तक़दीर लिखने वाले हैं ! जो सुशासन से लाख गुना बेहतर होगा ! जय हो ....... :-)


