Updated on: Sat, 05 May 2012 10:10 PM (IST)
सूबे का पहला ई डिस्ट्रिक्ट बना नालंदा
बिहारशरीफ, जागरण प्रतिनिधि : ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले
लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्र
बनवाने के लिए ब्लाकों व अंचलों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए
राज्य सरकार ने पंचायत स्तर पर ही वसुधा केन्द्र के माध्यम से सारी
सुविधाएं उपलब्ध करा दी है। शनिवार को बेलट्रान के प्रबंध निदेशक अतुल
सिन्हा व डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने परियोजना की यहां विधिवत शुरूआत की।
मालूम हो कि कुछ दिन पूर्व ही राज्य में सबसे पहले नालंदा जिले में
आंगनबाड़ी केंद्रों की लाइव मानीटरिंग सिस्टम की शुरूआत हुई है। दोनों
महत्वपूर्ण प्रशासनिक पहल में यहां के वर्तमान डीएम संजय कुमार अग्रवाल की
भूमिका काफी उल्लेखनीय रही है। डीएम ने बताया कि नालंदा बिहार का ऐसा पहला
जिला बन गया है जिसमें डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से प्रमाणपत्र जारी किए
जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिले की सभी 250 पंचायतों में वसुधा केन्द्र
कार्य कर रहे हैं। इस कारण अब आवेदकों को प्रखंड कार्यालय आने की आवश्यकता
नहीं है। अब उन्हें वसुधा केन्द्र पर ही आवेदन देना है और वहां से ही
डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रमाणपत्र उपलब्ध हो जायेंगे। यही नहीं आवेदन देने
के 21 दिन के भीतर आवेदक इंटरनेट से प्रमाण पत्र की वस्तुस्थिति का पता
लगा सकेंगे। उन्होंने कहा कि डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रमाण पत्र निर्गत
करने की सुविधा भारत में मात्र दो से चार जिलों में ही है। ई-गवर्नेस की
दिशा में यह एक क्रांतिकारी प्रशासनिक पहल है। नालंदा जिला प्रशासन विगत
दो वर्षो से ई-गवर्नेस की तैयारी की दिशा में संजीदगी से प्रयासरत था। खुद
डीएम इसे अपनी निगरानी में व्यवस्थित करने में जुटे थे। डीएम ने बताया कि
इस परियोजना से सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को फायदा
मिलेगा। बेलट्रान के प्रबंध निदेशक अतुल सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक ब्लाक
को ब्राडबैंड से जोड़ा जायेगा। ग्रामीणों को कम शुल्क में भी अपने ही
पंचायत के वसुधा केन्द्र से जाति, आवास, आय, ओबीसी, चरित्र प्रमाण पत्र के
साथ-साथ विकलांगता पेंशन और विधवा पेंशन आदि की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
सोमवार से यह योजना नालंदा जिले में अमल में आ जाएगी।
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इस उपलब्धि के लिए अगर हम बिहार शरीफ के जिलाधीश को जितनी बधाइयाँ समर्पित
करें वो नाकाफी होगी ! नालंदा के जिला पदाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल जी को
हम सभी वसुधा केंद्र संचालक तहे दिल से अपनी आभार व्यक्त करते हैं ! यह
सफलता इनकी लगन और कड़ी मेहनत को दर्शाता है ! अब लगता है की इनके
इस प्रयास को और भी जिलों के जिलाधीश मिशाल के तौर पे लेंगे, की "कैसे
गावों में इलेक्ट्रोनिक प्रशासन की लौ जलाई जाती है ? इसके पहले हम सभी
संचालकों ने समय -समय पे सरकार की आँख खोलने का प्रयास किया लेकिन किसी ने
ध्यान नहीं दिया !चलिए जंहा कुछ नहीं था वहां कम से कम एक उम्मीद की किरण
तो दिखनी शुरू हो गयी ! इसे कहते हैं भारतीय प्रशासनिक पदाधिकारी की दिमाग
की ताकत! नालंदा में वैसे भ्रष्ट्रचारी ताकतें सड़क पे मारे फिरेंगी जो कभी
मासूम ग्रामीण गरीबों के जेब को कतल किया करते थे इन सेवाओं के लाभ को
दिलाने के लिए !
Kumar Ravi Ranjan
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